दुनिया की दो दिग्गज टेक कंपनियों गूगल और माइक्रोसॉफ्ट में ठन गई है। गूगल ने माइक्रोसॉफ्ट का बड़ा हमला बोला है। गूगल ने माइक्रोसॉफ्ट के इस्तेमाल को देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक करार दे दिया है। हालांकि सवाल उठता है कि आखिर गूगल ने ऐसा बयान क्यों दिया? तो मामला क्लाउड कंप्यूटिंग को लेकर है।
दरअसल गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और ओरेकल क्लाउड कंप्यूटिंग की बड़ी कंपनियां हैं। गूगल अपनी प्रतिद्वंदी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से नाराज है, जिसे लेकर गूगल ने फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) से शिकायत की है।
माइक्रोसॉफ्ट पर लगाए गंभीर आरोप
गूगल ने माइक्रोसॉफ्ट पर आरोप लगाया है कि माइक्रोसॉफ्ट ने क्लाउड कंप्यूटिंग मार्केट में ज्यादा पकड़ बनाने कि लिए गलत लाइसेंसिंग नियम को लागू किया है। गूगल का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस प्रोडक्ट और विंडो सर्वर ग्राहकों को Azure क्लाउड का उपयोग करना बेहद कठिन बना देते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट है खतरनाक
गूगल ने आरोप लगाया है कि माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट और सर्विस पर काफी सारे साइबर हमले हुए हैं। ऐसे में गूगल का कहना है कि इस तरह माइक्रोसॉफ्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। साथ ही साइबर की वजह बन सकता है। गूगल ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट और ओरेकल जैसी कंपनियां ग्राहकों के लिए ऑप्शन्स को सीमित कर रही हैं।
क्या है क्लाउड कंप्यूटिंग
क्लाउड कंप्यूटिंग को डेटा सेंटर के तौर पर समझा जा सकता है। क्लाउड कंप्यूटिंग में भारी डेटा को स्टोर करने के साथ उसे रिसीव किया जाता है। साधारण शब्दों में समझें, तो नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे कंटेंट को क्लाउड पर स्टोर किया जाता है, जहां से किसी भी डिवाइस पर वीडियो, ऑडियो की स्ट्रीमिंग की जा सकती है।
Compiled: up18 News
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