गोवा में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान मशहूर रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने बीते गुरुवार को भारतीय सिनेमा के चार दिग्गज अक्किनेनी नागेश्वर राव, तपन सिन्हा, मोहम्मद रफी और राजकपूर की मीरामार बीच पर प्रतिकृति उकेरी थी। उनके द्वारा बनाई गई ये रचना मीरामार बीच पर बनाई गई सबसे बड़ी रेत की मूर्तियों में शामिल है, जो इन दिग्गजों का सिनेमा के प्रति योगदान को एक श्रद्धांजलि देती है। 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए सेलिब्रेशन के तौर पर उकेरी गईं रचनाओं का खुद गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने उद्घाटन किया है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भारतीय सिनेमा के चार दिग्गजों को इतने रचनात्मक और कलात्मक तरीके से सम्मानित करने के लिए एनएफडीसी और सुदर्शन पटनायक के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह मीरामार बीच पर बनाई गई सबसे बड़ी रेत की मूर्तियों में से एक है, और यह इन महान व्यक्तियों की विरासत का एक सुंदर प्रमाण है। मैं पटनायक जी और पूरी टीम को उनके इस उल्लेखनीय प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।” इसके साथ ही उन्होंने एलान किया ये सभी मर्तियां लोगों के द्वारा देखने आने के लिए पूरी तरह खुल गई हैं।
अपनी इस रचना पर पटनायक ने कहा, “इस कलाकृति को पूरा करने में पूरे दो दिन लगे। एक दिन तैयारी के लिए और दूसरा जटिल नक्काशी के लिए।” बता दें कि सुदर्शन रेत कला में अपने योगदान के लिए विश्व स्तर पर पहचाने जाते हैं, जो अपनी कला का उपयोग विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने, अपने काम के माध्यम से शांति, सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने के लिए करते हैं। उन्होंने आगे कहा, “मैंने पहले भी कान में अपनी रेत की मूर्ति प्रस्तुत की है, लेकिन यह पहली बार है जब मुझे आईएफएपआई में आमंत्रित किया गया है।”
रेत कला के महत्व के बारे में बोलते हुए, सुदर्शन पटनायक ने रेत मूर्तिकला प्रशिक्षण के लिए एक केंद्र बनने की गोवा की क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “गोवा, अपने खूबसूरत समुद्र तटों के साथ, एक समर्पित रेत कला प्रशिक्षण संस्थान होना चाहिए, जहां स्थानीय कलाकार और छात्र रेत मूर्तिकला की बारीकियों को सीख सकें। यह राज्य के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक बढ़िया वृद्धि होगी और दुनिया भर से गोवा आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने का एक शानदार तरीका होगा।
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