वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। आजाद ने गांधी परिवार के साथ-साथ जयराम रमेश जैसे कांग्रेसी नेताओं को भी जवाब दिया। पूर्व कांग्रेसी नेता ने राज्यसभा से विदाई के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक होने का भी जिक्र किया। बातों-बातों में पीएम मोदी की तारीफ भी की।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को राज्यसभा में पीएम मोदी की स्पीच में कुछ दिखता है वो सही नहीं हैं। अगर कोई इतना अनपढ़ और जाहिल है तो वो मोदी की स्पीच पढ़े।
आजाद ने कहा, ‘मेरे लिए वो नहीं रोए कि गुलाम नबी जाएगा… उन्होंने एक घटना के बारे में बात की। शुक्र करिए.. मैं मोदी जी को समझता था कि बड़ा क्रूड (असभ्य) आदमी है… शादी नहीं की है.. बच्चे नहीं है बीवी नहीं तो इसको कोई परवाह नहीं है लेकिन कम से कम इंसानियत तो उसने दिखाई। जब मैं चीफ मिनिस्टर था कांग्रेस में और गुजरात की टूरिस्ट बस के अंदर ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ। लोग ऑन स्पॉट मर गए। किसी का हाथ नहीं था… किसी का पैर नहीं… तो जब गुजरात सीएम का फोन आया तो मैं जोर-जोर से रो रहा था। मेरे ऑफिस वालों ने फोन कान में दिया तो मैंने कहा कि मैं बात नहीं कर सकता हूं। तो उन्होंने मेरे रोने की आवाज सुनी।’
उन्हें मुझसे तब से खुन्नस है जब से…
आजाद ने कहा कि मोदी तो बस बहाना है, उन्हें (कांग्रेस नेतृत्व) मुझसे तब से परेशानी है जब से G23 ने चिट्ठी लिखी थी। वे कभी नहीं चाहते थे कि उन्हें कोई लिखे, सवाल उठाए… (कांग्रेस की) कई बैठकें हुईं लेकिन एक भी सुझाव नहीं लिया गया।’
‘… तब घर छोड़ने में ही अकलमंदी’
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि गुलाम नबी आजाद का रिमोट कंट्रोल बीजेपी के हाथ में है। इस पर पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा कि ‘घरवालों ने घर छोड़ने पर मजबूर किया और जहां घरवालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए तो अकलमंदी खुद घर छोड़ने में है…जो शख्स अपनी स्पीच खत्म करने के बाद भरी सदन में उनसे (PM से) गले मिले, तो वे मिले हैं या मैं मिला हूं?’
कांग्रेस पार्टी में चुनाव के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ‘मैं कांग्रेस के लिए दुआ ही कर सकता हूं लेकिन कांग्रेस मेरी दुआ से ठीक नहीं होगी उसके लिए दवा चाहिए। अभी उसका डॉक्टर कंपाउंडर है। अभी कांग्रेस को स्पेशलिस्ट की जरूरत है।’
-एजेंसी
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