जर्मनी की विदेश मंत्री एनालीना बेयरबॉक ने ईरान में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है. एनालीना बेयरबॉक ने कहा कि जर्मनी यह सुनिश्चित करेगा कि यूरोपियन यूनियन उन लोगों की संपत्ति फ्रीज करे और प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जो लोग ईरान में हो रहे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं और लड़कियों को सड़क पर कौन पीटता है? ऐसे लोग ग़लत इतिहास के साथ हैं.’’
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक यूरोपियन यूनियन के विदेश मंत्री प्रतिबंधों को लेकर 17 अक्टूबर को फ़ैसला कर सकते हैं. एनालीना बेयरबॉक ने एक जर्मन अखबार से बातचीत में उन लोगों की मौत की निंदा की जो मात्र आज़ाद ज़िंदगी चाह रहे थे.
उन्होंने ईरानियों से कहा, ‘‘हम आपके साथ हैं और आगे भी रहेंगे.’’ ईरान पर प्रस्तावित प्रतिबंध पर चर्चा महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों की वजह से शुरू हुई.
22 साल की महसा अमीनी की मौत 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में हुई थी. आरोप है कि हिजाब ठीक से न पहनने की वजह से पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर बुरी तरह पीटा था. अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. नार्वे स्थित द ईरान ह्यूमन राइट्स ग्रुप के मुताबिक अब तक कम से कम 185 लोगों की मौत हुई है जिनमें 19 बच्चे शामिल हैं. ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों की वजह से 20 सुरक्षाबलों की मौत हुई है.
सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि ईरानी सुरक्षाबल अब स्कूल और कॉलेजों में घुस रहे हैं.
-एजेंसी
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