कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को डिफाल्टर बनने से रोकने के लिए अब सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मोर्चा संभाला है। बाजवा ने अमेरिका से कहा है कि वो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज दिलवाने में पाकिस्तान की मदद करे। पाकिस्तान इन दिनों अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका है।
चंद दिनों पहले ही पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने दावा किया था कि पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच चार बिलियन डॉलर के कर्ज को लेकर समझौता हुआ है, हालांकि इस ऐलान का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर कोई असर देखने को नहीं मिला। पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। वर्तमान में 1 डॉलर की कीमत 239 पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा हो चुकी है।
बाजवा ने व्हाइट हाउस और ट्रेजरी डिपार्टमेंट से किया संपर्क
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार जनरल बावजा ने कर्ज के लिए व्हाइट हाउस और अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट से संपर्क किया है। उन्होंने अपनी अपील में कहा है कि अमेरिका आईएमएफ पर 1.2 बिलियन डॉलर के रीलिफ पैकेज की सप्लाई के के लिए दबाव बनाए। इसके अलावा पुराने कर्ज को चुकाने की समयसीमा को भी बढ़ाया जाए। पिछले हफ्ते आईएमएफ ने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ 1.17 बिलियन डॉलर के कर्ज को लेकर स्टाफ लेवल की सहमति पर पहुंच चुका है।
दिवालिया होने के कगार पर पहुंचा पाकिस्तान
एक दिन पहले ही सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा था कि देश का आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार 8.57 बिलियन डॉलर से घटकर 754 मिलियन डॉलर हो गया है। यह पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट है। 22 जुलाई, 2022 को खत्म हुए हफ्ते में बाहरी कर्ज और अन्य भुगतान के कारण सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा है। अगर ऐसा ही जारी रहा तो पाकिस्तान का पूरा विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो सकता है और देश डिफाल्टर बन सकता है।
IMF ने पाकिस्तान की सहायता के लिए रखी शर्त
अतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज बहाल करने के लिए कई कड़ी शर्तें रखी हैं। अगर पाकिस्तान सरकार इन शर्तों को लागू करती है तो अवाम पर महंगाई का बम फूटेगा और अगर नहीं करती है तो आर्थिक पैकेज नहीं मिलेगा। आईएमएफ ने कहा है कि पाकिस्तान का आर्थिक पैकेज बहाल करने के लिए बिजली की दरें बढ़ानी होगी और पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स लगाना होगा। इतना ही नहीं, पाकितान को एक भ्रष्टाचार निरोधी कार्यबल का गठन भी करना होगा, जो सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाए गए वर्तमान कानूनों की समीक्षा करेगा।
-एजेंसी