राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर बीजेपी नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पलटवार किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर सरकार गिराने के आरोप लगाए थे. अशोक गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे ने हमारी सरकार को गिरने से बचाने में मदद की.
गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बयान जारी कर कहा, “मुख्यमंत्री के द्वारा मेरी तारीफ़ करना मेरे ख़िलाफ़ उनका एक बड़ा षड्यंत्र है. मेरा जितना जीवन में अपमान गहलोत ने किया कोई कर ही नहीं सकता.”
उन्होंने कहा, “वह 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियाँ गढ़ रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं, पर उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है.”
वसुंधरा राजे ने कहा कि “यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया है तो वह एफआईआर दर्ज करवाएं. उन्होंने उन गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया है, जिनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा सर्व विदित है.”
वसुंधरा राजे ने कहा कि “रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध हैं, यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया है तो एफआईआर दर्ज करवाएँ.”
“सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बग़ावत और रसातल में जाते जनाधार के कारण बौखलाहट में उन्होंने ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाए हैं.”
पूर्व सीएम राजे ने जारी किए बयान में कहा है कि “विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त की जहाँ तक बात है, इसके महारथी तो खुद अशोक गहलोत हैं.”
“जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के कारण ऐसा किया था. उस वक्त न भाजपा को बहुमत मिला था और न ही कांग्रेस को.”
“उस समय चाहते तो हम भी सरकार बना सकते थे, पर यह भाजपा के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ था.”
“इसके विपरीत गहलोत ने अपने लेन-देन के माध्यम से विधायकों की व्यवस्था कर दोनों समय सरकार बनाई थी.”
Compiled: up18 News
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