जी-20 सम्मेलन से निकले नई दिल्ली साझा समझौते को दुनिया भारत की एक बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है क्योंकि सदस्य देशों के बीच इसे लेकर सहमति बनने पर तमाम आशंकाएं खड़ी की जा रही थीं। अब इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है.
सम्मेलन के पहले ही दिन शनिवार को पीएम मोदी ने साझा बयान पर सभी देशों के बीच सहमति बनने का एलान किया और इस कामयाबी के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया. ये एलान सम्मेलन शुरू होने से पहले लगाए जा रहे कयासों से बिलकुल विपरीत था.
माना जा रहा था कि यूक्रेन-रूस जंग के बीच साझा बयान में सहमति बनने की संभावनाएं कम की हैं मगर जब साझा बयान पर सभी देश सहमत हुए तो इस पर यूक्रेन के साथ-साथ रूस की भी प्रतिक्रिया आई.
रूस के शेरपा स्वेतलाना लुकाश ने कहा, ”साझा बयान संतुलित था और यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत काफी कठिन रही.” लुकाश ने कहा, ”इस साझा बयान पर सहमत होने में सम्मेलन शुरू से पहले 20 दिन और मौक़े पर पांच दिन लगे.”
इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शामिल नहीं का फ़ैसला किया था. इस सम्मेलन में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शिरकत की थी.
नई दिल्ली में शनिवार को सर्वसम्मति से जारी जी-20 के नई दिल्ली घोषणा-पत्र में यूक्रेन में चल रहे युद्ध का ज़िक्र तो किया गया लेकिन रूस की आलोचना नहीं की गई.
इस घोषणा-पत्र में सात पैराग्राफ़ यूक्रेन युद्ध पर हैं लेकिन इनमें एक जगह भी रूस का ज़िक्र नहीं है. यूक्रेन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ‘रूस के युद्ध पर आए बयान में गर्व करने लायक कुछ भी नहीं है.’
Compiled: up18 News