आगरा: एसीपी हरीपर्वत के नेतृत्व में थाना साइबर पुलिस ने व्यापारी से क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 42.5 लाख रुपये की ठगी करने वाले चार शातिरों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शातिरों के खाते में ट्रांसफर हुए 42.5 लाख रुपये में से 10 लाख रुपये फ्रीज करा दिए।
एसीपी हरीपर्वत ने मीडिया को बताया कि चारों शातिर अभी तक कई लोगों से 4.5 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। उनके निशाने पर व्यापारी रहते थे जिन्हें यह अपने जाल में पहले साजिश के तहत फंसाते थे और फिर निवेश के नाम पर विश्वास में लेकर इनसे लाखों रुपये की ठगी को अंजाम दिया करते थे।
ऐसे ही एक मामले में कमला नगर के रश्मि नगर निवासी व्यापारी धर्मेंद्र गुप्ता ने पुलिस को बताया था कि विगत 19 जनवरी को फेसबुक पर अनु अरोरा के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। इस रिक्वेस्ट को उन्होंने एक्सेप्ट कर लिया। मैसेंजर पर चैट में युवती ने खुद को फैशन डिजाइनर बताया। धीरे-धीरे करके व्यापारी ने अपना मोबाइल फोन नंबर दे दिया जिसके बाद व्हाट्सअप पर मैसेज आने लगे। चैटिंग में युवती ने क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करने पर मुनाफे का लालच दिया। यह भी भरोसा दिलाया कि मुनाफा न होने पर पूरी रकम वापस हो जाएगी।
युवती के जाल में फंसे व्यापारी की आईडी बनवाकर पहली बार में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए। बदले में 500 यूएसडीटी यानी क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त हुए। ट्रेडिंग में 50 यूएसडीटी का मुनाफा दर्शाया। इसके बाद युवती ने 22 फरवरी को डेढ़ लाख रुपये ट्रांसफर कराए जिसमें 200 यूएसडीटी का फायदा दिखाया। इसके बाद 23 फरवरी को व्यापारी से आठ लाख रुपये ट्रांसफर कराए।
युवती ने व्यापारी से 50,000 यूएसडीटी खरीदने की सलाह दी और 26 फरवरी को 30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद भी जब रकम मांगना बंद नहीं हुआ तो व्यापारी को अपने साथ 42.50 लाख रुपये की ठगी का पता चला। इसके बाद साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। साइबर पुलिस ने गहन जांच के बाद अभियुक्तों को दबोच लिया।