नई दिल्ली। दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह (92) का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। दिल्ली के निगम बोध घाट पर पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भूटान के राजा समेत कई बड़े नेता और हस्तियां पहुंची।
कांग्रेस के तमाम नेताओं ने मनमोहन सिंह को आखिरी बार नमन किया। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत कई बड़े नेता भी निगम घाट पर मौजूद रहे। पीएम द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के तत्काल बाद सेना के तीनों अंगों ने उन्हें सलामी दी। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। उन्हें उनकी बड़ी बेटी ने मुखाग्नि दी।
सिख धर्म के अनुसार, अंतिम संस्कार को ‘अंतिम अरदास’ कहा जाता है। इसमें ‘सुखमनी साहिब’, ‘अर्थी साहिब’ और ‘अनंद साहिब’ का पाठ किया जाता है। पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई दी गई।
अंतिम संस्कार के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत तमाम गणमान्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक भी निगमबोध घाट पर मौजूद थे, उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी.
इससे पहले जब पार्थिव शरीर निगमबोध घाट पर पहुंचा तो राहुल गांधी पार्थिव शरीर ले जा रहे वाहन में बैठे दिखाई दिए. उन्होंने अर्थी को कंधा भी दिया.
92 साल के सिंह का निधन गुरुवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ था. भारत सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है.
कांग्रेस ने सात दिनों तक 26 दिसंबर से एक जनवरी तक अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है.
मनमोहन सिंह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सेना के तीनों अंगों ने पूर्व प्रधानमंत्री को मिलिट्री प्रोटोकॉल के मुताबिक आखिरी सलामी दी. इस बीच स्मारक को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ठन गई है. कांग्रेस ने स्मारक के लिए जगह तय ना करने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है जबकि केंद्र ने कहा है कि स्मारक बनाया जाएगा लेकिन इसमें कुछ वक्त लगेगा.
अंतिम संस्कार से पहले पहनाई गई नीली पगड़ी
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव को नीले रंग की पगड़ी पहनाई गई. इससे पहले उनके पार्थिव पर लपेटे गए तिरंगे को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उतारा गया. यह तिरंगा मनमोहन सिंह के परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है.
स्मारक बनाने की मांग
कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल उनका स्मारक बनाने की मांग कर रहे हैं, जिस पर सरकार ने सहमति दी है। इसके लिए एक ट्रस्ट बनाने का फैसला लिया गया है। गुरुवार (26 दिसंबर) रात मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हुआ था। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था।
इससे पहले गृह मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने फैसला लिया है कि डॉ मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय से सिंह का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ करने के लिए प्रबंध किए जाने का अनुरोध किया गया है। इससे पहले मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस दफ्तर में रखा गया था।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी और इस बारे में उनके परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित कर दिया गया है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी और अमित शाह को फोन कर मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान देने की अपील की थी।
मंत्रालय ने कहा कि सरकार को कांग्रेस प्रमुख खरगे से सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने का अनुरोध प्राप्त हुआ है। कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकार स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट का गठन किया जाना है और स्थान आवंटित किया जाना है।
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