अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़ेंगी न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न

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जेसिंडा अर्डर्न, पांच साल से ज़्यादा समय तक न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री रही हैं. जनवरी, 2023 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी.

ये घोषणा करते हुए उनका गला भर आया था. तब उन्होंने कहा था कि छह साल तक इस ‘चुनौतीपूर्ण’ पद को संभालने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है.

उन्होंने कहा था कि इसके बाद अब अगले चार साल में उनके पास योगदान देने के लिए कुछ ख़ास नहीं बचा है. इसलिए अब वो अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी. दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला राष्ट्र प्रमुख बनी थीं

टीनेजर रहते हुए अर्डर्न देश की लेफ़्ट पार्टियों से जुड़ी थीं. वो देश की अंतिम वामपंथी प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के कार्यालय में काम करती थीं. इसके अलावा वो ब्रिटेन में टोनी ब्लेयर की सलाहकार भी रही थीं.

वो अपने चुनाव अभियानों में समाज में फैली असमानताओं की बात किया करती थीं. राजनीति में उन्हें क्या खींचता है, इस पर बात करते हुए कभी अर्डर्न ने कहा था कि “भूख से संघर्ष करते बच्चे और बिना जूते के उनके पांव ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया.”

लेबर पार्टी के टिकट पर साल 2008 में संसद पहुंचीं अर्डर्न अगस्त 2017 में लेबर पार्टी की नेता चुनी गईं. हैमिल्टन में 1980 में जन्मी अर्डर्न साल 2017 में गठबंधन सरकार में न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री बनीं थीं.

साल 2017 में 37 साल की उम्र में पीएम चुनी जाने वाली जेसिंडा अर्डर्न उस समय दुनिया में सबसे कम उम्र की महिला राष्ट्र प्रमुख बनी थीं. वो साल 1856 के बाद न्यूज़ीलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री बनी थीं.

इसके एक साल बाद जून 2018 में वो दुनिया की दूसरी ऐसी राष्ट्राध्यक्ष बनीं जिन्होंने पद पर रहते हुए बच्चे को जन्म दिया.

Compiled: up18 News


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