दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के कर्मचारियों की कथित अवैध फोन टैपिंग और जासूसी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडेय को गुरुवार को जमानत दे दी। जमानत देते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा, “आवेदन स्वीकार किया जाता है और आवेदक को जमानत दी जाती है।”
मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। इस मामले में संजय पांडे और उनकी कंपनी iSec सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और भ्रष्टाचार की रोकथाम से जुड़े कानूनों के तहत कथित अपराधों के लिए सीबीआई की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
CBI के अनुसार iSec ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर 2009 और 2017 के बीच NSE में MTNL लाइनों को अवैध रूप से बाधित किया और NSE के विभिन्न अधिकारियों के कॉल रिकॉर्ड किए गए। यह आरोप लगाया गया है कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना और एनएसई कर्मचारियों की जानकारी व सहमति के बिना iSec ने टेलीफोन निगरानी की थी।
पांडे को ईडी ने बीते 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था, बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अगस्त में कोर्ट ने उन पर लगे आरोपों में उनकी संलितप्तता की अशंका के मद्देनजर उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
Compiled: up18 News
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