पूर्व आईपीएस अधिकारी भास्कर राव 11 महीने पहले ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद पार्टी जॉइन कराई थी। कहा जा रहा है कि मनीष सिसोदिया के शराब कांड में जेल जाने के बाद पार्टी में खलबली मची है। सियासत में लंबी छलांग का सपना देख रहे भास्कर राव को अपनी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा था इसलिए वह बीजेपी की नाव में सवार हो गए।
बीजेपी को मिलेगा ब्राह्मण वोटों का फायदा?
भास्कर राव को साइकिल चलाना बहुत पसंद है। बासवनागुड़ी बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। इस इलाके में ब्राह्मणों की अच्छी आबादी है। भास्कर राव भी ब्राह्मण समुदाय से ही आते हैं। हालांकि उन्होंने जब आप जॉइन किया था तो कहा था कि आप उन्हें इसलिए पसंद है क्योंकि यह पार्टी सांप्रदायिकता की राजनीति नहीं करती है।
1990 बैच के IPS अधिकारी
भास्कर राव ने सितंबर 2021 में अपने पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि कर्नाटक सरकार ने उनका इस्तीफा 1 अप्रैल 2022 को स्वीकार किया। भास्कर राव चेन्नई के मूल निवासी हैं। वह 1990 बैच के कर्नाटक काडर के आईपीएस रहे हैं। वह बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त, बेंगलुरु रूरल एसपी और आयुक्त रहे। इसके अलावा परिवहन विभाग में भी उनकी तैनाती रही।
कर्नाटक में AAP का प्रमुख चेहरा थे भास्कर राव
आईपीएस से इस्तीफा देने वाले राव पिछले साल अप्रैल में आप में शामिल हुए थे, उन्हें हाल ही में पार्टी की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था और वह राज्य में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक के रूप में उभरे थे। उन्हें बसावनगुडी निर्वाचन क्षेत्र से आप का उम्मीदवार होने की अफवाह थी। भास्कर राव के अरविंद केजरीवाल की पार्टी के कुछ राज्य नेताओं के साथ अच्छे संबंध नहीं थे और हाल के संगठनात्मक परिवर्तनों से नाखुश थे।
कर्नाटक आप ने नहीं की टिप्पणी
आप के राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व ने अभी तक राव की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पार्टी के एक राज्य स्तरीय नेता ने कहा कि राव की ओर से आप से यह उम्मीद करना अनुचित है कि वह हाल ही में आए एक नए सदस्य की मांगों को पूरा करने के लिए तुरंत बड़े बदलाव करेगी। उन्होंने कहा कि आप भास्कर राव को शुभकामनाएं देती है।
AAP की मेनिफेस्टो कमेटी के थे अध्यक्ष
भास्कर राव को आप ने कर्नाटक में मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया था। बीजेपी में शामिल होने के बाद भास्कर राव ने कहा कि वह एक ऐसी पार्टी में अंदरूनी कलह के बीच समय बर्बाद नहीं करना चाहते हैं जो कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में मुख्य खिलाड़ी नहीं है।
Compiled: up18 News
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