तनाव आज दुनिया भर के लिए एक बड़ा मसला है और इस मसले को हल कर रही है Forest therapy. डॉक्टरों के मुताबिक़ तनाव ही तमाम बीमारियों की जड़ है. इससे जितना दूर रहा जाए उतना अच्छा.
लेकिन नए दौर के रहन-सहन ने हम सभी को तनाव का ग़ुलाम बना दिया है. तनाव मुक्त रहने के लिए लोग तरह-तरह की दवाएं खाने लगे हैं. कोई मेडिटेशन कर रहा है तो कोई योग. जापान के लोग तनाव मुक्त होने के लिए क़ुदरत की शरण में जा रहे हैं.
यहां लोगों को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए जंगलों में Forest therapy दी जा रही है.
फॉरेस्ट गाइड और थेरेपिस्ट तस्योशी मसुज़ावा का कहना है कि जापान की राजधानी टोक्यो में तनाव से दूर रहने और प्रकृति के नज़दीक आने का मंत्र और ख़ज़ाना दोनों हैं.
टोक्यो क़ुदरती ख़ूबसूरती से लबरेज़ है. यहां के जंगलों में हर बीमारी का इलाज मौजूद है. यहां कई तरह की जड़ी-बूटियां मिल जाती हैं. इनका स्वाद भले ही कड़वा हो लेकिन ये बीमारी को जड़ से ख़त्म करने की ताक़त रखती हैं. इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कई तरह की दवाएं बनाने में भी होता है.
टोक्यो के इन जंगलों में तनाव मुक्त होने के लिए लगभग पूरे जापान से लोग आते हैं. इनमें बड़ी तादाद ऑफ़िस कर्मचारियों की होती है.
पूरे जापान के जंगलों में करीब 62 थेरेपी सोसाइटी हैं, जो यहां लोगों की मदद करती हैं. इस थेरेपी के तहत लोग खुली हवा में गहरी सांस लेते हैं, मेडिटेशन करते हैं.
परिंदों की चहचहाहट भी थेरेपी
तस्योशी मसुज़ावा कहते हैं अगर सुबह सवेरे उठकर सिर्फ़ परिंदों की चहचहाहट सुनी जाए तो वो भी एक थेरेपी की तरह ही काम करती है.
सुबह के वक़्त पेड़ों पर जब परिंदे शोर मचाते हैं तो लगता है कि वो आपस में बातें कर रहे हैं. इनकी ये बातें इंसानों का दिल बहलाती हैं और तनाव दूर करती हैं. ख़ुद को तंदुरुस्त रखने का जापानियों का ये तरीक़ा दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है.
मेडिकल साइंस में रिसर्च करने वालों के लिए भी ये जंगल आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं. उनका भी कहना है कि इन जंगलों में तनाव कम करने और ब्लड प्रेशर नियंत्रण की दवा मौजूद है.
फॉरेस्ट्री एंड फ़ॉरेस्ट प्रोडक्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट के प्रोफ़ेसर ताकाहिदे अकागावा का कहना है कि इन जंगलों की आबो-हवा में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन को नियंत्रित करने की ताक़त है.
साथ ही यहां की जाने वाली थेरेपी एंटी एजिंग है. यानी फ़ॉरेस्ट थेरेपी से आपकी उम्र भी लंबी होगी.
-BBC
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