भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशक लगातार मेहरबान, अप्रैल में डाले 13,300 करोड़

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शुक्रवार को की थी बिकवाली

उन्होंने कहा कि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) के पास काफी नकदी है। इसके अलावा खुदरा निवेशक और हाई नेटवर्थ वाले लोग यानी एचएनआई भारतीय बाजार को लेकर आशान्वित हैं। ऐसे में एफपीआई की बिकवाली की भरपाई यहां से हो जाएगी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने (12 अप्रैल तक) भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 13,347 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हालांकि, भारत-मॉरीशस कर संधि में बदलाव की आशंका के चलते शुक्रवार को एफपीआई ने 8,027 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।

बाजार पर भरोसा बढ़ा

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वृद्धि संबंधी चिंताओं के कारण फिच द्वारा चीन की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग परिदृश्य को स्थिर से घटाकर नकारात्मक करने की वजह से भारतीय बाजारों को भारी निवेश मिला है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मानसून सामान्य रहने की उम्मीद तथा मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था के बीच वृद्धि तेज रहने की उम्मीद से भी एफपीआई का भारतीय बाजारों को लेकर आकर्षण बढ़ा है।

समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 1,522 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। जेपी मॉर्गन इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल किए जाने की घोषणा के बाद से एफपीआई भारतीय बॉन्ड बाजार में पैसा लगा रहे हैं।

उन्होंने मार्च में बॉन्ड बाजार में 13,602 करोड़ रुपये, फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कुल मिलाकर, इस साल एफपीआई अबतक शेयरों में कुल 24,241 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। ऋण या बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 57,380 करोड़ रुपये रहा है।

-एजेंसी


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