खाद्य संकट: भुखमरी की कगार पर है उत्तर कोरिया की बड़ी आबादी

INTERNATIONAL

गहराते संकट के बीच देश के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के नेताओं के साथ एक अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने नेताओं को बताया कि सभी खेतों में उपज बढ़ाने पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। किम ने प्रत्येक क्षेत्र और इकाई के लिए ग्रामीण समुदायों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

किम ने बैठक में कई अहम योजनाओं को लागू करने की बात की। इसमें असामान्य जलवायु घटनाओं से निपटने के लिए सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करना और ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च दक्षता वाली कृषि मशीनों की आपूर्ति करना शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार ज्वार-भाटे प्रभावित भूमि को फिर से कृषि योग्य भूमि बनाएगी। खेती वाले क्षेत्रों का विस्तार करेगी। उन्होंने कृषि के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले आंतरिक कारकों को समय पर पता लगाने और दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

आखिर ये खाद्य संकट कितना गहरा है?

2.6 करोड़ की आबादी वाला उत्तर कोरिया अपने लोगों के लिए पर्याप्त भोजन का उत्पादन करने के लिए दशकों से संघर्ष कर रहा है। हाल के महीनों में स्थिति और भी खराब हो गई है। दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के दक्षिणी हिस्से के एक शहर केसोंग में कई लोगों की भुखमरी से जान चली गई।

सियोल स्थित समाचार स्त्रोतों के मुताबिक यहां तक कि उत्तर कोरिया में विशेष विशेषाधिकार प्राप्त सेना के सदस्य भी भोजन की कमी से प्रभावित हुए हैं। सैन्य अधिकारियों को पिछले साल कुछ महीनों के दौरान उनके परिवार के लिए राशन नहीं मिला। विशेषज्ञ कहते हैं कि किम शासन में सेना के लिए भोजन की कमी बताती है कि खाद्य समस्या वास्तविक और बहुत गहरी है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान एक करोड़ से अधिक उत्तर कोरियाई लोगों को कुपोषण और भूख का सामना करना पड़ा। वहीं, 2019 से 2021 के बीच देश की 41 फीसदी आबादी अल्पपोषित रही। उत्तर कोरियाई बच्चों में से लगभग पांचवां हिस्सा दुर्बलता से पीड़ित है।

इस संकट की वजह क्या है?

देश में खाद्य संकट की कोई अकेली वजह नहीं है। इसमें बड़ा कारण चीन के साथ उत्तर कोरिया के सीमा व्यापार का एक लंबा निलंबन बताया जाता है। प्योंगयांग ने चीन से चावल और अन्य उत्पाद खरीदे थे लेकिन एक बार जब इसने महामारी के कारण अपनी सीमाओं को सील कर दिया तो देश को खुद के कृषि उत्पादन पर निर्भर रहना पड़ा। हालांकि, देश में उम्मीद के मुताबिक उत्पादन नहीं बढ़ा और उसके परिणाम स्वरूप आज देश एक बड़े खाद्य संकट का सामना कर रहा है।

हर साल घट रहा अनाज उत्पादन

उत्तर कोरिया को अपने 2.5 करोड़ लोगों के लिए 55 लाख टन अनाज की आवश्यकता होती है। हालांकि, यहां हर साल अनाज उत्पादन घटता ही जा रहा है। अनुमानों के अनुसार बीते साल लगभग 45 लाख टन उत्पादन हुआ, जो एक साल पहले की तुलना में 3.8% कम था। इससे पहले पिछले एक दशक में वार्षिक अनाज उत्पादन लगभग 44 लाख टन से 48 लाख टन तक स्थिर हो गया है। 2022 में धान के उत्पादन के लिए उत्तर की भूमि 0.8 फीसदी घटकर 539,679 हेक्टेयर हो गई। यह देश के दक्षिणी भाग में चावल के लिए उपयोग किए जाने वाले क्षेत्र का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा है।

गलत नीति का भी खामियाजा भुगत रहा देश

विशेषज्ञों ने संकट के पीछे सरकार की गलत नीतियों को भी जिम्मेदार ढहराया है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने 2022 में निजी अनाज की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके कारण पहले से ही कमी वाले देश में कई लोगों के लिए भोजन मिलना और भी दूभर हो गया।

सरकार क्या कर रही है?

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अधिकारियों को देश की खाद्य-आपूर्ति समस्याओं को हल करने का आदेश दिया है। वहीं, एकीकरण मंत्री, क्वोन यंग-से ने कहा है कि हमने संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी, विश्व खाद्य कार्यक्रम से सहायता के लिए अनुरोध किया है।

Compiled: up18 News


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.