यू-ट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी के विजेता एल्विश यादव समेत छह लोगों पर FIR दर्ज की गई है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ ये FIR रेव पार्टी में सांप का जहर मुहैया करवाने के आरोप में दर्ज की गई है. पुलिस की छापेमारी में मौक़े से नौ सांप भी मिले हैं.
एफ़आईआर वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 के तहत दर्ज की गई है. एफ़आईआर बीजेपी सांसद मेनका गांधी की पीएफए ऑर्गेनाइजेशन की शिकायत पर दर्ज की गई है.
एफआईआर में मेनका गांधी की संस्था की ओर से कहा गया, ”हमें सूचना मिली थी कि एल्विश यादव नाम का एक यू-ट्यूबर स्नेक वेनम और ज़िंदा सांपों के साथ नोएडा-एनसीआर के फार्म हाउस में अपने गिरोह के दूसरे सदस्यों, यू-ट्यूबर के साथ वीडियो शूट करवाते हैं और रेव पार्टी कराते हैं. इस पार्टी में विदेशी युवतियों को बुलाकर स्नेक वेनम और नशीले पदार्थों का सेवन होता है.”
इस मामले में मेनका गांधी ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा, ”ये एक ट्रैप हमने बिछाया था. 11 पायथन और कोबरा मौक़े से मिले हैं. पांच लोग थे. ये रेव पार्टी आयोजित करता था. इन पार्टी में ये ज़हर निकालकर बेचते थे. जो लोग ये ज़हर लेते हैं वो उनको नुकसान करता है.”
मेनका गांधी ने कहा कि अगर मीडिया ज़ोर लगाएगी तो इस पर रोक लगेगी.
वो कहती हैं, ”रेव पार्टी रुके या ना रुकें, ये मेरा काम नहीं है. मेरा काम है कि जो लोग जंगल से सांप लाते हैं, उनका ज़हर निकालते हैं और वो मर जाते हैं, ऐसे लोगों को पकड़ना चाहिए. ऐसे लोगों को सात साल की सज़ा है, पुलिस को ऐसे लोगों को पकड़ना चाहिए. हमारी टीम ने ही यू-ट्यूब पर इसको देखा. मेरी संस्था के लोगों ने ट्रैप लगाया. एल्विश यादव से पूछा कि हम पार्टी लगा रहे हैं. एल्विश यादव ने लोगों से मिलवाया और बताया कि मैं पार्टी में सप्लाई करता हूं.”
एल्विश यादव ने क्या कहा?
इस एफ़आईआर दर्ज होने के बाद एल्विश यादव ने शुक्रवार को अपनी सफ़ाई पेश की.
एल्विश यादव ने सोशल मीडिया पर शेयर किए वीडियो में कहा,”मैं सुबह उठा. मैंने देखा कि मेरे ख़िलाफ़ ख़बरें फैल रही हैं कि एल्विश यादव नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए हैं. मेरे ख़िलाफ़ जो ख़बरें फैल रही हैं, ये सारे आरोप फ़र्ज़ी, बेबुनियाद हैं. इनमें एक फीसदी भी सच्चाई नहीं है.”
एल्विश यादव ने कहा, ”यूपी पुलिस के साथ मैं पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हूं. मैं यूपी पुलिस, प्रशासन, सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील करूंगा कि अगर इसमें मैं प्वॉइंट 1 पर्सेंट भी शामिल मिलूं तो मैं सारी ज़िम्मेदारी लेने के लिए तैयार हूं. मीडिया से ये गुज़ारिश है कि जब तक ठोस सबूत ना मिल जाए तब तक मेरा नाम ख़राब ना करें. जितने भी इल्ज़ाम लगे हैं, इनसे मेरा कोई लेना-देना नहीं है.”
वो बोले- इन आरोपों से 100 मील तक मेरा कोई लेना-देना नहीं है. एल्विश पर एफ़आईआर वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 के तहत दर्ज की गई है.
Compiled: up18 News
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