वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साइबर धोखाधड़ी से बचने के तरीके पर अपनी राय रखते हुए तकनीक को ऐसा जानवर बताया जो आपसे तेज चलता और दौड़ता है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे में यह जरूरी है कि इसकी लगाम आपके हाथ में रहे। वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि साइबर धोखाधड़ी के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने और घोटालेबाजों को सिस्टम से खिलवाड़ करने से रोकने के लिए तकनीक की बागडोर अपने हाथों में लेने की जरूरत है।
‘डेट विद टेक’ कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी के ऐसे मामलों जहां लोगों को फोन कॉल या एसएमएस के माध्यम से ठगा जाता है, को रोकने के लिए सरकार समय-समय पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की समीक्षा करती है। आरबीआई भी अपनी प्रणालियों की समीक्षा करता है। बीमा कंपनियां भी अपने सिस्टम की समीक्षा करती हैं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम लगातार वही कर रहे हैं जिसकी जरूरत है। जब तक जागरूकता नहीं आएगी, जब तक हम लोगों के मन में यह सतर्कता पैदा नहीं करेंगे कि उन्हें फोन पर कही गई किसी भी बात पर नहीं चलना चाहिए। तब तक खतरा रहेगा।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म स्तर पर इस बात को लेकर चिंता है कि लोगों को रैंडम कॉल आ रहे हैं, जिससे वे ऐसी स्थिति में फंस रहे हैं जहां उन्हें पैसे का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘जो लोग सिस्टम के साथ खिलवाड़ करते हैं, वे शायद तकनीक के इस्तेमाल और दुरुपयोग के मामले में हमसे एक पायदान आगे हैं। इस पर बहुत काम करने की जरूरत है। यह एक कभी न खत्म होने वाला खेल है क्योंकि तकनीक एक ऐसा जानवर है जो आपसे बहुत आगे चलता और दौड़ता है। ऐसे में आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि इसकी लगाम आपके हाथ में रहे।’
मंत्री ने कहा कि बड़े संस्थानों खासकर संवेदनशील संस्थानों के पास पर्याप्त तकनीक और टीमें होनी चाहिए जो रोजमर्रा के आधार पर पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित हों, और यह जांचते हों कि उनका फायरबॉल काम के लिए तैयार है या नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थान, बैंक और बीमा कंपनियां जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। वे लोगों को बता रही हैं कि कृपया किसी भी फोन करने वाले पर तब तक भरोसा न करें जब तक कि आपके पास यह सुनिश्चित करने का अपना तरीका न हो कि जो आपसे बात कर रहा है, वह सही व्यक्ति है। सीतारमण ने कहा, ”भारत बदलाव के दौर से गुजर रहा है, हम एक ऐसे मुकाम पर हैं जहां हम पहले की तुलना में अब पूरी तरह डिजिटल हो रहे हैं।
Compiled: up18 News