जॉर्डन में सीरिया की सीमा के पास अमेरिकी सैन्य अड्डे टॉवर 22 पर खूनी ड्रोन हमले के बाद खाड़ी देशों में हालात बहुत तनावपूर्ण हो गया है। इराक के इस्लामिक रेजिस्टेंस ग्रुप ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है जिसमें 3 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं और कई घायल हो गए हैं। इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार किसी अमेरिकी सैनिक की हमले में मौत हुई है।
इराक के इस इस्लामिक गुट को ईरान का समर्थन माना जाता है। यही वजह है कि अब अमेरिका के ईरान पर जवाबी हमला करने की आशंका तेज हो गई है। इस बीच ईरान ने अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला करने वाले गुट को समर्थन देने से इंकार किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने जहां ईरान समर्थित गुट को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है वहीं ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासीर कनानी ने कहा है कि इस तरह के बयान क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शांति तथा स्थिरता को खतरा पैदा करते हैं। इस बीच अमेरिकी सेना ने कहा है कि 3 सैनिकों की जहां ड्रोन हमले में मौत हुई है, वहीं 34 अन्य घायल हो गए हैं।
अमेरिकी सेना का यह बेस जॉर्डन की इराक और सीरिया से लगती सीमा के पास है। इस बीच ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका बिना घोषणा किए चोरी छिपे हमला कर सकता है ताकि ईरान को कड़ा संदेश दिया जा सके। यही नहीं बाइडन प्रशासन सीधे ईरानी अधिकारियों को निशाना बना सकता है।
ईरान पर बरसे जो बाइडन, चेतावनी दी
यह ठीक उसी तरह से हो सकता है जैसे साल 2020 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अमेरिकी सेना ने ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी को इराक के अंदर मार गिराया था। एक अमेरिकी सूत्र ने कहा कि अमेरिका गाजा युद्ध शुरू होने के बाद अब तक का सबसे बड़ा एक्शन ले सकता है। उन्होंने कहा कि बाइडन का यह एक्शन उनके पूरे कार्यकाल का सबसे निर्णायक हो सकता है ताकि दोबारा ईरान या उसके सहयोगी गुट फिर हमला करने का साहस नहीं कर सकें। विश्लेषकों का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो अमेरिका और ईरान के बीच सीधा संघर्ष हो सकता है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान समर्थित आतंकवादियों पर उस हमले के पीछे होने का आरोप लगाया था। रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी की रिपोर्ट के अनुसार बाइडेन ने कहा कि सीरियाई सीमा के पास पूर्वोत्तर जॉर्डन में तैनात अमेरिकी बलों पर ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और कई घायल हो गए। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘हालांकि हम अभी भी इस हमले के तथ्य जुटा रहे हैं, हम जानते हैं कि इसे सीरिया और इराक में सक्रिय कट्टरपंथी ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों द्वारा अंजाम दिया गया।’ बाइडेन ने 28 जनवरी को कहा, ‘हम आतंकवाद से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएंगे और इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएंगे।’
-एजेंसी