दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के किसानों ने अपनी कई मांगों के लिए दिल्ली कूच कर दिया है. पंजाब के फतेहगढ़ से किसानों ने दिल्ली के लिए रवाना होना शुरू कर दिया है.
किसानों को सीमा पर रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी है, जिससे कई अहम सड़कों पर जाम लग गया है. गाड़ियां धीरे-धीरे चल रही हैं और सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं.
इन मांगों के साथ दिल्ली आ रहे किसान
एमएसपी खरीद की गारंटी दें, नोटिफिकेशन जारी करें
स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करें
किसानों की लागत खर्चे पर 50 फ़ीसदी मुनाफ़ा दिया जाए
किसानों के क़र्ज़ माफ़ किए जाएं
किसान आंदोलन के दौरान जो केस दर्ज किए गए थे, वो वापस लिए जाएं
मनरेगा में 200 दिन काम देने और दिहाड़ी 700 रुपये करें
कई अहम सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें
किसानों के प्रदर्शन को लेकर कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली की कई अहम सड़कों पर भारी जाम की स्थिति हो गई है.
अभी जिन इलाकों से जाम की तस्वीरें आनी शुरू हुई हैं, उनमें दिल्ली-गाज़ियाबाद के बीच गाज़ीपुर बॉर्डर और दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर शामिल हैं.
गाज़ीपुर बॉर्डर की सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें दिख रही हैं और धीरे-धीरे सरकती दिख रही हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सिंघु बॉर्डर के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “किसानों के दिल्ली चलो मार्च की वजह से पुलिस की बैरिकेडिंग के कारण दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर भारी जाम.”
किसानों के राजधानी आने के एलान को देखते हुए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सीमा पर बड़ी संख्या में बैरिकेडिंग लगाई गई है. दिल्ली की ओर आती मुख्य सड़कों पर भी कंटेनर, बसों और क्रेन रखी गई हैं. कुछ जगहों पर सीमेंट की बैरिकेटिंग लगाई गई हैं.
दिल्ली पुलिस ने पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा दी है जिसके तहत पाँच या इससे अधिक लोगों के एक जगह जुटने पर प्रतिबंध लगाया गया. किसी भी तरह की रैली, पैदल मार्च और विरोधी प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. साथ ही, लाउडस्पीकर, नारेबाज़ी और भाषण देने की भी इजाज़त नहीं होगी.
किसान मज़दूर संघर्ष समिति के नेता ने क्या कहा?
किसानों के दिल्ली कूच से पहले पंजाब किसान मज़दूर संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि उन्होंने सरकार के साथ बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने की कोशिश की लेकिन ये नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, “हम पूरे देश के सामने ये बात रखना चाहते हैं, कि हमने भरसक कोशिश की ताकि कल की मीटिंग में कोई निर्णय निकल जाए, जिससे हम सरकार से टकराव से बचें और कुछ हमें मिली. जिसकी हमें आशा थी. भरोसा करके ही हम पाँच घंटे मीटिंग में बैठे रहे.”
“हमने उनके समक्ष हरियाणा की पोज़िशन रखी. हरियाणा को आपने बिलकुल कश्मीर की वैली बना दिया है. आप हरियाणा में हर गाँव में पुलिस भेज रहे हैं, वॉटर कैनन भेजे आपने, हर गाँव में पटवारी जा रहे हैं. हरियाणा के किसानों के रिश्तेदारों को तंग किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि पासपोर्ट रद्द कर देंगे. इस तरह की प्रताड़ना अधिक से अधिक है. ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा भारत के दो राज्य नहीं, बल्कि इंटरनेशनल बॉर्डर बन गए हैं.”
एयरपोर्ट पहुँचने वालों के लिए भी एडवाइज़री
दिल्ली एयरपोर्ट की एडवाइज़री में कहा गया है कि किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए 13 फ़रवरी को ट्रैफ़िक डायवर्जन होगा. कमर्शियल वाहनों के लिए ये ट्रैफ़िक से जुड़े प्रतिबंद और डायवर्ज़न 12 फ़रवरी से ही लागू हैं. “यात्रियों से अनुरोध है कि वे इसको ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा प्लान करें और संभावित देरी और वैकल्पिक रास्तों के बारे में जानकारी हासिल कर के निकलें.”
“आप समय पर पहुंचे ये सुनिश्चित करने के लिए हम यात्रियों से आग्रह करते हैं कि वे टर्मिनल एक पर आने के लिए मजेंटा लाइन मेट्रो या फिर टी3 जाने के लिए एयरपोर्ट लाइन मेट्रो का इस्तेमाल करें.”
अंबाला के पास किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे
दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर से कुछ किलोमीटर पहले ही पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं. ये इलाक़ा अंबाला के पास पड़ता है.
ये प्रदर्शनकारी किसान फ़सलों के लिए एमएसपी की गारंटी सहित कई अन्य मांगों के साथ दिल्ली कूच कर रहे हैं.
दिल्ली में भी किसानों को सीमा पर रोकने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं. जगह-जगह बैरिकेडिंग और कंटीली तारें लगाई गई हैं.
बीबीसी के अनुसार पंजाब के किसान शंभू बॉर्डर की ओर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर निकले हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शंभू बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
-एजेंसी
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