यूरोपियन यूनियन ने रूस के ख़िलाफ़ नए और बेहद कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की है. यूरोपियन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लीयेन ने इसे यूरोप के लिए अहम बताया है.
प्रतिबंध बहुत ही व्यापक हैं. वित्तीय सेक्टर, ऊर्जा, परिवहन और रूस के शासन से जुड़े आभिजात्यों के वीज़ा पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
ईयू प्रमुख ने कहा कि प्रतिबंधों के कारण रूस के तेल रिफाइनरी के लिए तकनीक और एयरक्राफ़्ट के लिए स्पेयर पार्ट्स की ख़रीद असंभव हो जाएगी. ईयू प्रमुख ने ट्वीट किया है कि प्रतिबंध को मंज़ूरी मिल गई है और इसमें ईयू पूरी तरह से एकजुट रहा.
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि 33.6 करोड़ डॉलर यूक्रेन को मदद के तौर पर दी जाएगी और साथ ही सैन्य उपकरण भी मुहैया कराए जाएंगे. ईयू में रूस से गैस की ख़रीद को प्रतिबंधों में शामिल नहीं किया गया है. इसे लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. ईयू प्रमुख ने कहा है कि रूस की ऊर्जा पर यूरोप की निर्भरता कम करने के विकल्प देख जा रहे हैं.
रूस पर प्रतिबंधों के बाद एशियाई बाज़ार बढ़त के साथ खुले
शुक्रवार को एशियाई बाज़ार बढ़त के साथ खुले हैं. रूस के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बाद अमेरिकी शेयर बाज़ार में भी बढ़त देखी गई थी. शुक्रवार को इसका असर एशियाई बाज़ारों पर भी देखा गया.
जापान का निक्केई 225 सूचकांक 0.9% की बढ़त के साथ खुला. बाक़ी के सूचकांकों में भी बढ़त है. दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 1.6% का उछाल है. वहीं सिडनी के S&P/ASX 200 में भी0.3% की बढ़त के साथ खुला है.
यूक्रेन पर हमले के बाद गुरुवार को वैश्विक शेयर बाज़ार में भारी गिरावट देखने को मिली थी. तेल की क़ीमत में भी गुरुवार को हल्की गिरावट देखने को मिली थी.
गुरुवार को तेल की क़ीमत प्रति बैरल 100 डॉलर के ऊपर चली गई थी. रूस तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है और विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस उत्पादक देश है. अंतरराष्ट्रीय पाबंदी के कारण तेल और गैस की क़ीमत बढ़ने की आशंका है.
-एजेंसियां