केंद्रीय चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ-साथ मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नोटिस जारी किया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं को बहुमत साबित करने के लिए सबूत जमा करने के लिए कहा है. साथ ही आयोग ने दोनों को आठ अगस्त 2022 तक पत्र का जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
शिव सेना सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा, ”केंद्रीय चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है. इस संबंध में पूरी जानकारी चुनाव आयोग को दी जाएगी.”
उन्होंने ये भी कहा कि हमने शिव सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पूरी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी है.
किसके पक्ष में कितने विधायक और सांसद
विधानसभा में शिव सेना के कुल 55 विधायक हैं. एक विधायक के निधन से विधानसभा में शिव सेना के अब 54 हो गए हैं
शिव सेना के कुल 39 विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पक्ष में हैं. इन सभी 39 विधायकों ने 4 जुलाई को विधानसभा में हुए विश्वास मत के दौरान एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दिया था जबकि बाकी के 15 विधायक उद्धव ठाकरे के पक्ष में बने हुए हैं.
सांसदों की बात करें तो महाराष्ट्र में शिवसेना के 18 सांसद हैं. इनमें से 12 सांसदों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है. पिछले कुछ दिनों में विधायकों और सांसदों के अलावा कई नगरसेवक भी एकनाथ शिंदे के पक्ष में जा चुके हैं. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चुनाव आयोग पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सही संख्या पर कैसे विचार करता है.
इस मामले में आगे क्या हो सकता है?
संवैधानिक विशेषज्ञ श्रीहरि अने के मुताबिक “अगर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे समूह आधिकारिक तौर पर पार्टी में विभाजन को स्वीकार करते हैं, तो एक चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद हो सकता है. ऐसे में चुनाव आयोग ही अंतिम निर्णय लेगा. ऐसे मामलों में चुनाव आयोग अक्सर दोनों पक्षों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह देता है.
-एजेंसी