जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने दावा किया है कि को-एजुकेशन (लड़के-लड़कियों का साथ पढ़ना) मुस्लिम लड़कियों को धर्म छोड़ने की ओर ले जा रही है
मौलाना अरशद मदनी ने ये भी कहा कि देश में अर्थव्यवस्था से जुड़ी समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अरशद मदनी जमीयत की कार्यकारी समिति की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे.
मौलाना मदनी ने दावा किया कि देश में धर्म छोड़ने के लिए प्रलोभन देने का चलन तेज़ी से फैल रहा है और इसमें मुस्लिम लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, “धर्म छोड़ने का लालच को- एजुकेशन की वजह से और मज़बूत हो रहा है और इसलिए हम इसके ख़िलाफ़ हैं. मीडिया हमारे नज़रिए को नकारात्मक तरीके से दिखाती है और प्रचार करती है कि मौलाना मदनी लड़कियों की पढ़ाई के ख़िलाफ़ हैं जबकि हम को-एजुकेशन के ख़िलाफ़ हैं, लड़कियों की शिक्षा के नहीं.”
“अगर हमें इस साज़िश को हराना है और सफलता पानी है तो हमें हमारे लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शिक्षण संस्थान बनाने होंगे.”
साल 2021 में भी जमीयत ने महिलाओं, बच्चियों के लिए अलग स्कूल बनाने की वकालत की थी और कहा था कि गै़र-मुसलमानों को भी अपनी बेटियों को “अनैतिकता, दुर्व्यवहार” से बचाने के लिए को-एजुकेशन सिस्टम से दूर रहना चाहिए.
Compiled: up18 News