प्रवर्तन निदेशालय ED ने यस बैंक-डीएचफएल घोटाले में अभियुक्त संजय छाबरिया और अविनाश भोसले की संपत्तियां अस्थायी तौर पर ज़ब्त की हैं. ये घोटाला क़रीब 3 हज़ार 700 करोड़ रुपए का है.
इस केस में अब तक कुल 1827 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी हैं. ईडी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार संजय छाबरिया की 251 करोड़ रुपए और अविनाश भोसले की 164 करोड़ रुपए की संपत्ति को पीएमएलए क़ानून के तहत ज़ब्त किया गया है.
पीएमएलए क़ानून के तहत ईडी हवाला लेन-देन से जुड़े मामलों की जाँच करती है. इस मामले में सीबीआई भी जाँच कर रही है.
सीबीआई ने इस घोटाले को लेकर वर्ष 2020 में केस फ़ाइल किया था. पुणे के कारोबारी अविनाश भोसले पर आरोप हैं कि उन्होंने यस बैंक से डीएचएफ़ल को कर्ज़ दिलवाने में बड़ी भूमिका निभाई और इसके बदले करोड़ो रुपए कमिशन के तौर पर हासिल किए थे.
वहीं, डीएचएफ़एल के बाद सबसे ज़्यादा रेडियस ग्रुप ने यस बैंक से कर्ज़ लिया था. रेडियस ग्रुप संजय छाबरिया का था.
सीबीआई के अनुसार राणा कपूर की अगुवाई में कुछ साल पहले यस बैंक से डीएचएफ़एल ने जो 3700 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिया वो वास्तव में रेडियस ग्रुप को मिले थे. बाद में डीएचएफ़एल ने ये लोन नहीं चुकाया, जिससे यस बैंक पर बोझ बढ़ा.
दोनों अभियुक्तों को इसी साल गिरफ़्तार किया जा चुका है. बीते महीने ही सीबीआई ने अविनाश भोसले के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की है.
-एजेंसी
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