बेंगलुरु। चीन की मोबाइल एप कीपशेयरर द्वारा भारतीयों को अपनी जाल में फंसा कर करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate, ED) ने बेंगलुरु के 12 फर्मों पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये ज़ब्त कर लिए।
दरअसल बेंगलुरु में ऐसे फर्मों का संचालन किया जा रहा है जिसके पीछे चीन है। इनपर पार्ट टाइम नौकरी को लेकर धोखाधड़ी का आरोप है। निदेशालय की छापेमारी में बेंगलुरु के 12 फर्मों से करीब 5.85 करोड़ रुपये जब्त किए गए। ये फर्म निर्दोष युवाओं के साथ जालसाजी कर रहे थे।
ऐसे हो रही थी ठगी
चीनी एप कीपशेयरर (Keepshare) के जरिए युवाओं को पार्ट टाइम जाब का लालच दे उनसे धन कमाया जा रहा था। कमाए गए धन से क्रिप्टो करेंसी की खरीद हो रही थी। ED ने मामले में मनी लान्ड्रिंग (money laundering) की जांच शुरू कर दी है। दरअसल इस मामले में साउथ सेन पुलिस स्टेशन (South CEN Police Station) में मामला दर्ज कराया गया था। इसमें ही पार्ट टाइम नौकरी को लेकर धोखाधड़ी का मामला दर्ज है।
कीपशेयरर नाम से मोबाइल एप बनाया और व्हाट्सएप व टेलीग्राम के जरिए प्रमोट किया
अपनी जांच में ED को पता चला कि अधिकर युवाओं के साथ कुछ चीनी लोगों ने धोखाधड़ी की है। ED ने बताया कि कीपशेयरर नाम के मोबाइल एप के जरिए युवाओं से पार्ट टाइम नौकरी देने का वादा कर उनसे पैसे ऐंठे जा रहे थे।
चीन के लोगों ने भारत में कंपनियां बनाईं जिसमें डायरेक्टर, ट्रांसलेटर (मंडारिन से अंग्रेजी और अंग्रेजी से मंडारिन), HR मैनेजर और टेलीकालर्स के तौर पर अधिकतर भारतीयों को नियुक्त किया था। इन भारतीयों की डिटेल्स के आधार पर बैंक में खाते बनाए। आरोपियों ने कीपशेयरर नाम से मोबाइल एप बनाया और व्हाट्सएप व टेलीग्राम के जरिए प्रमोट किया। इसमें युवाओं को पार्ट टाइम नौकरी देने के वादे किए गए।
यूं टास्क दे वसूलता था पैसे
एक इंवेस्टमेंट एप के साथ कीपशेयरर को लिंक किया गया और इस एप पर युवाओं से रजिस्ट्रेशन के लिए रकम निर्धारित की गई। अधिकारी ने बताया, ‘युवाओं को सेलिब्रिटी की वीडियोज लाइक करने और इसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने का काम दिया जाता था। काम पूरा हो जाने के बाद प्रति वीडियो 20 रुपय देने होते थे जो कीपशेयरर के वालेट में जमा होता था।’
-एजेंसी
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