चीन का शंघाई शहर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। कई दिनों से जारी लॉकडाउन के चलते शंघाई में मेडिकल सुविधा और खाने की चीजों के लाले पड़ गए है। दरअसल, बीते महीने से ही शंघाई में लॉकडाउन लगाया गया है। करीब ढाई करोड़ लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं।
सख्त लॉकडाउन से गुस्से में लोग
शंघाई में जीरो कोविड पॉलिसी के तहत सख्त लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए शंघाई में चीनी सेना और हेल्थ वर्कर्स का सहारा लिया जा रहा है। यहां तक कि संक्रमित माता-पिता को उनके बच्चों से अलग किया जा रहा है। समाचार एजेंसी सीएनएन ने बताया कि ये परिस्थितियां सरकार के खिलाफ जा रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक कमेंट भी वायरल हो रहा है। कमेंट में लिखा है- ‘हम कोरोना से नहीं, कोरोना नियंत्रण के उपायों से मारे जा रहे हैं।’
बुधवार को आए 20 हजार से ज्यादा मामले
बता दें कि बुधवार को चीन में कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे। कोरोना की पीक के समय वुहान में साल 2020 में इससे कम केस आए थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक मार्च के अंत तक यह वायरस चीन के 31 प्रांतों में से 29 में फैल चुका था।
ग्लोबल टाइम्स का हवाला देते हुए सीएनएन ने बताया कि 1 अप्रैल को चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुख्य विज्ञानी वू ज़ुनयू ने कहा कि चीन ‘जीरो कोविड पॉलिसी पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा’। उन्होंने आगे कहा कि प्रतिबंधों में ढील देने और सीमाओं को खोलने से चिकित्सा संसाधनों और बढ़ती मौतों जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
कोविड टेस्ट के लिए उतारी सेना
शंघाई की ढाई करोड़ की आबादी के कोविड टेस्ट के लिए चीन ने शहर में सेना को उतारा है। चार अप्रैल को अधिकारियों ने शंघाई को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है। शहर से बाहर जाने या अंदर आने की किसी को अनुमति नहीं है।
-एजेंसियां
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