भ्रम के प्रभाव से मुक्त क्यों होते हैं ‘बाज’ जबकि हम मनुष्य झुंड में उन्हें देखते वक्त भ्रमित हो जाते हैं? इस सवाल का जवाब खोजने के लिए वैज्ञानिकों ने बाज की गतिविधियों को कैमरे में कैद किया। चमगादड़ की गुफा के मुख पर हाई-डेफिनिशन के वीडियो कैमरे लगाए गए ताकि बाज और चमगादड़ों का 3डी वीडियो बनाया जा सके। उन्होंने बाज के हमला करने के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए 2017 में विकसित कम्प्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल किया।
गाइडेड मिसाइल जैसे होते हैं बाज
उनके पहले के काम ने दिखाया कि बाज के हमला करने का व्यवहार निर्देशित मिसाइल की तरह होता है, जिसमें आनुपातिक नौवहन नामक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। यह समझने के लिए कि यह कैसे काम करता है, आप अपने आपको हवा में उड़ रहे एक शिकारी के तौर पर कल्पना करें जो अपने शिकार पर नजर रख रहा है। आपका शिकार आपसे बचने की कोशिश कर सकता है लेकिन अगर आप अपने शिकार की परिधि बदलने की दर की अनुपातिक दर से मुड़ते हैं तो आपको शिकार करने का सबसे अच्छा मौका मिल सकता है।
चमगादड़ के बजाय बाज का निशाना होता है झुंड
वैज्ञानिकों ने झुंड पर हमला करते हुए जिन बाज के वीडियो बनाए, वे उन चमगादड़ों की व्यक्तिगत गतिविधि से प्रभावित नहीं दिखे जिन्हें उन्होंने शिकार बनाया। वास्तव में बाज लगभग एक गोलाकार चाप के साथ उड़ते हुए झुंड की एक स्थिर परिधि के समीप मुड़ते हैं। बाज किसी चमगादड़ पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय झुंड में एक निश्चित बिंदु की ओर बढ़ते दिखे। फिर भी अपने पंजों में चमगादड़ को पकड़ना आसान नहीं होता। तो बाज झुंड के करीब जाते हुए कैसे चुनते हैं कि किस चमगादड़ को शिकार बनाना है?
शिकार के वक्त दृष्टि रेखा की दिशा सीधी
वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने के लिए ग्राफिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया कि हमलावर की नजर हमले के वक्त कैसे भिन्न होती है। इस विश्लेषण से पता चला कि लक्ष्य की ओर दृष्टि रेखा की दिशा लगभग सभी हमलों के वक्त स्थिर रही। यह उन मामलों में कम से कम भिन्न थी जिसमें एक बार में सफलतापूर्वक शिकार किया गया। इन नतीजों से यह समझने में मदद मिल सकती है कि कैसे अन्य शिकारी भ्रम प्रभाव से बचते हैं।
-Compiled by up18 News