क्या आपको पता है कि राजनीति में आने से पहले लोकसभा की ये पूर्व अध्‍यक्ष एक रामकथा वाचक थीं?

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भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका बढ़ रही है। देश की राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनीतिक दल की अध्यक्ष तक हर पद पर महिलाएं कार्यभार संभाल रही हैं। वर्तमान में कई महिला नेता अपने काम और उपलब्धियों से राजनीति में दमदार भूमिका हैं। इन्हीं महिलाओं में एक नाम सुमित्रा महाजन का है। सुमित्रा महाजन पूर्व लोकसभा स्पीकर रहीं हैं। सुमित्रा महाजन का नगर निगम में पार्षद से लेकर महापौर, मंत्री और फिर लोकसभा अध्यक्ष बनने तक का सफर शानदार रहा।

लेकिन क्या आपको पता है कि राजनीति में आने से पहले वह एक रामकथा वाचक थीं?

राजनीति में बड़ा नाम बनने वाली सुमित्रा महाजन का आज जन्मदिन है। महाराष्ट्र के चिपलूण कस्बे में 12 अप्रैल को जन्मी सुमित्रा महाजन के जन्मदिन के मौके पर जानिए उनके पारिवारिक, राजनीतिक जीवन और उपलब्धियों के बारे में।

सुमित्रा महाजन का बचपन

सुमित्रा महाजन का जन्म 12 अप्रैल 1943 को महाराष्ट्र के चिपलूण कस्बे में हुआ था। वह एक कोंकणस्थ ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। सुमित्रा महाजन के पिता का नाम पुरषोत्तम नीलकंठ साठे और माता का नाम ऊषा था। उन्होंने एमए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है। अपनी पढ़ाई उन्होंने शादी के बाद भी जारी रखी थी।

सुमित्रा महाजन की शादी 1965 में जयंत महाजन से हुई, जो पेशे से वकील थे। शादी के बाद सुमित्रा महाजन पति के साथ इंदौर शिफ्ट हो गईं। शादी के बाद ही उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान उनका संपर्क रामायण पर प्रवचन करने वाली इंदौर की ही मैना ताई गोखले से हो गई। सुमित्रा उनके साथ रहने लगीं। जब मैना ताई बीमार हुईं तो सुमित्रा महाजन ने ही संभाला और प्रवचन देना शुरू किया।

सुमित्रा महाजन का करियर

बाद में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ की महिला शाखा राष्ट्र सेविका समिति और महाराष्ट्रीय महिलाओं के संगठन भगिनी मंडल में शामिल हो गईं। यहां से ही उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। 1982 में उन्होंने इंदौर नगर निगम चुनाव लड़ा और बहुमत से जीत दर्ज की।

साल 1984 में सुमित्रा महाजन को उप-महापौर बनाया गया। एक साल बाद उन्होंने इंदौर से दोबारा चुनाव लड़ा लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद सुमित्रा ने फिर से राम कथा वाचन करने लगीं।

लेकिन साल 1989 में भाजपा ने इंदौर से आम चुनाव के लिए टिकट दिया। तब उन्होंने कांग्रेस नेता और देश के गृह मंत्री रह चुके प्रकाश चंद्र सेठी को हरा दिया।

सुमित्रा महाजन की उपलब्धि

सुमित्रा महाजन ने एक बार नहीं, बल्कि लगातार आठ बार इंदौर क्षेत्र से जीत दर्ज की। साल 2002 में अटल बिहारी सरकार में वह राज्यमंत्री रहीं। बाद में साल 2014 में मोदी सरकार में लोकसभा अध्यक्ष बनीं। इसके बाद साल 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया।

-एजेंसियां


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