आगरा।जैन संत व नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि जीवन में भक्ति तभी प्रबल होती है, जब हमारे मन में सकारात्मक सोच हो। हमारे मन में सभी के प्रति श्रद्धा और विश्वास हो। वरना मनुष्य असमंजस की स्थिति रहता है और भटकता ही रहता है।
राजामंडी के जैन स्थानक में सोमवार को प्रवचन करते हुए जैन मुनि ने कहा कि लोगों से अब गुण नहीं देखे जाते। गुणों में भी दोष ढूंढ़ते हैं। अब तो मनुष्यों में ही नहीं भगवान और महापुरुषों में भी दोष ढूंढ़े जा रहे हैं, जो उचित नहीं है। इससे नई पीढ़ी पर गलत असर पड़ता है। आज हम जिन महापुरुष या भगवान में दोष ढूंढ़ रहे हैं या उनकी गलतियां गिना रहे हैं। बाद में दूसरे लोग भी एसा ही करेंगे। एक गलत परंपरा पड़ जाती है। नई पीढ़ी भी पूर्वजों के दोष गिनाने लगेगी। हमारे तीर्थंकरों का मानना है कि जहां सकारात्मकता है, वहीं भक्ति हो सकती है। व्यक्ति में भक्ति तभी जागती है, जब सोच में सकारात्मकता हो। इसलिए हमें अपनी सोच को सुधारना होगा। मन को सकारात्मक करना चाहिए।
जैन मुनि ने उदाहरण दिया कि चील कितनी भी ऊंचाई पर हो, धरती पर मरा हुआ चूहा या गंदगी ही देखती है। इस प्रकार बहुत से लोग आज भी एसे हैं, जो कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं, वे नकारात्मकता ही देखते हैं।
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति में सम्यक दृष्टि होती है, वह कभी भी बुरा नहीं करता । उन्होंने कहा कि सर्वगुण संपन्न आज कल कोई नहीं है, फिर भी हमें अच्छे गुण ही देखने चाहिए। जैन मुनि ने कहा कि आचार्य मांगतुंग भगवान आदिनाथ की प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि आप में गुण समुद्र की तरह विशाल हैं, लेकिन उसकी अभिव्यक्ति उसी तरह नहीं कर सकते, जैसे गूंगा व्यक्ति मिश्री का स्वाद नहीं बता सकता। उन्होंने कहा कि हम समाज के लिए अच्छा सोचें, हर किसी के लिए अच्छा करें, यही सबसे बड़ा धर्म है। सोमवार की धर्म सभा में गोहाटी आसाम, कोलकाता आदि स्थानों से अतिथि आए थे।
नेपाल केसरी ,मानव मिलन संस्थापक डॉक्टर मणिभद्र मुनि,बाल संस्कारक पुनीत मुनि जी एवं स्वाध्याय प्रेमी विराग मुनि के पावन सान्निध्य में 37 दिवसीय श्री भक्तामर स्तोत्र की संपुट महासाधना में सोमवार को पंचम गाथा मीता मुकेश चपलावत एवम छटवीं गाथा का लाभ शकुंतला रंजीत सिंह सुराना परिवार ने लिया। नवकार मंत्र जाप के लाभार्थी संगीता संदेश सकलेचा परिवार थे।
धर्म प्रभावना के अंतर्गत नीतू जी जैन, दयालबाग की 21 उपवास , बालकिशन जैन, लोहामंडी की 25 ,मधु जी बुरड़ की 13 आयंबिल की तपस्या चल रही है।
-शीतल सिंह “माया”
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.