मधुमेह या डायबिटीज भिन्न-भिन्न आयु समूह के लोगों में एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। यह जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है, जो लापरवाही बरतने पर बढ़ती चली जाती है। यह एक लंबी और मेटाबोलिक बीमारी है, जिसमें खून में ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का स्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से हृदय, रक्त नलिकाओं, आंखों, किडनी और नसो को क्षति पहुंचती है।
डायबिटीज के क्या कारण हैं?
भारत में 20 साल से 70 साल के बीच के लगभग 8.7 प्रतिशत व्यस्क मधुमेह से पीड़ित हैं। तीव्र शहरीकरण, शिथिल जीवन, खराब आहार, धूम्रपान और मदिरापान मधुमेह और अन्य गैरसंचारी बीमारियों के तेजी से बढ़ने के मुख्य कारण हैं।
डायबिटीज कंट्रोल करने के उपाय?
बाणेर- पुणे स्थित मणिपाल हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजी डॉ. विक्रांत गोसावी डायबिटीज से जुड़े मुख्य जोखिमों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें मोटापा भी शामिल है, जो मधुमेह पीड़ित के खतरों को बढ़ाकर दोगुना कर देता है। इसलिए मरीज को अपनी जीवनशैली को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है।
खाने की प्लेट में रखें ये चीजें
मधुमेह पीड़ितों को अपने खाने की प्लेट में फल व सब्जियों को शामिल करना चाहिए। भूख लगने पर फल एक अच्छा विकल्प होता हैं और खाने के साथ फल अवश्य लिए जाने चाहिए। फल व सब्जियों से शरीर को विटामिन, मिनरल्स, और फाइबर मिलते हैं, जो शरीर का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी हैं। क्या डायबिटीज के मरीजों को फल नहीं खाना चाहिए? यह एक गलत धारणा है क्योंकि फलों में शुगर होता है। फलों में भी शुगर होता तो है, पर यह नैचुरल शुगर होता है।
प्रोसेस्ड फूड और मीट का सेवन न करें
रेड मीट की थोड़ी सी मात्रा भी मधुमेह का जोखिम बढ़ा सकती है। प्रतिदिन 50 ग्राम माँस या मछली का सेवन करने से भी मधुमेह होने की संभावना 11 प्रतिशत बढ़ जाती है। साथ ही, जिन लोगों को मधुमेह है, उन्हें ब्रेड, तला हुआ, और हाई-सोडियम मीट, हॉट डॉग, एवं अन्य प्रोसेस्ड मीट खाने से बचना चाहिए। मैदा मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। मैदा बारीक पिसा हुआ आटा होती है, जिसमें पोषण बहुत कम और ग्लाईसेमिक इंडैक्स बहुत ज्यादा होता है, जिसके कारण यह शुगर के समान हो जाता है। मैदा में भले ही मिठास न हो, पर यह खून में शुगर की मात्रा उतनी ही बढ़ता है, जितना कि शक्कर। मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए भूख लगने पर कम कार्ब वाली सब्जियां और मेवा खाते रहना चाहिए।
मीठी चीजों से करें परहेज
डायबिटीज में कौन सा मीठा खाना चाहिए? अगर किसी को मधुमेह है, तो कम कार्ब वाली और शुगररहित मिठाई तलाशना बहुत मुश्किल होता है। मधुमेह पीड़ितों के लिए ऐसी मिठाई तलाशना बहुत मुश्किल है, जिसमें पोषण भी हो। लेकिन मधुमेह के पीड़ित डार्क चॉकलेट खा सकते हैं क्योंकि इसमें मिल्क चॉकलेट के मुकाबले कम शुगर, कार्बोहाईड्रेट, और कैलोरी होती हैं।
1 आउंस (28 ग्राम) डार्क चॉकलेट में केवल 13 ग्राम कार्बोहाईड्रेट होता है। बनाना आईस्क्रीम भी एक स्वस्थ विकल्प है क्योंकि इसमें फाईबर ज्यादा होता है और शुगर कम। ट्री नट्स का सेवन भी किया जा सकता है क्योंकि यह खाली पेट इंसुलिन स्तर को कम करता है और इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधात्मकता को घटाता है, जिससे खून में शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
समय पर भोजन
मधुमेह के मरीज के लिए खाने का समय बहुत महत्व रखता है क्योंकि शुगर का शरीर में अवशोषण इस बात पर निर्भर है कि आप क्या और कब खाते हैं। यदि व्यक्ति समान मात्रा में खाना (खासकर कार्बोहाईड्रेट) रोज एक ही समय पर खाता है, तो खून में शुगर का स्तर स्थिर बना रहता है। यदि नियमित अंतराल के बाद खाना दिया जाए, तो व्यक्ति सेहतमंद खाने की ओर अग्रसर होगा। इससे उसे स्नैक खाने या फिर ओवर ईटिंग की जरूरत नहीं रहेगी।
भोजन की योजना बनाएं
मधुमेह पीड़ितों को रात में हल्का भोजन लेना चाहिए। देर रात अतिरिक्त कैलोरी खाने से वजन बढ़ता है। यदि व्यक्ति ऐसा आहार लेता है, जिसमें कार्बोहाईड्रेट ज्यादा है, तो अगली सुबह उसके खून में शुगर की मात्रा ज्यादा होगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
-एजेंसी
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