खूबसूरत किलों और पेंटिंग्स के लिए मशहूर है मध्‍य प्रदेश का देवगढ़ गांव

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यहां है देवगढ़ गांव

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में है छोटा सा गांव। जिसका नाम है देवगढ़। 18वीं सदी में यह जगह गोंड साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। इसलिए इस गांव में एक से बढ़कर एक सुंदर और भव्य मंदिर और किले हैं। इस गांव में बहने वाली बेतवा नदी यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है।

देवगढ़ किले का निर्माण

देवगढ़ किला विकास खंड मोहखेड़ के देवगढ़ ग्राम में 650 मीटर ऊंची एक पहाड़ी पर स्थित है। किला 16वीं सदी में गोंड राजाओं द्वारा निर्मित माना जाता है। देवगढ़ का कोई प्रत्यक्ष लिखित इतिहास नहीं है, परंतु बादशाहनामा व अन्य मुगल साहित्य में देवगढ़ की चर्चा की गई है। अकबर के समय देवगढ़ पर जाटवा शाह राज्य करता था। किला में बावलियों एवं बारहमासी पहाड़ी झरनों से गिरनेवाली बूंदों से भरने वाले मोती टांका को देखा जा सकता है। इस किले की दीवारों पर बहुत ही आकर्षक पेंटिग बनी हुई है और किले लगभग सौ कमरों है।

दशावतार मंदिर

हिन्दू राजाओं की राजधानी होने के कारण यहां पर बेहद भव्य मंदिर बने हुए हैं जिनमें से एक है दशावतार मंदिर। गुप्त वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। यहां पर तीन तरफ दीवारों पर भगवान विष्णु का चित्र गरुड़ पर बैठे हुए, ध्यानमग्न अवस्था में और तीसरे तरफ शेषनाग पर विश्राम कर रहें हैं।

माताटीला डैम

बेतवा नदी के तट पर इस प्रदेश का सबसे पुराना बांध बना हुआ है। इस बांध का निर्माण 1958 में किया गया था। इस किले के अगल-बगल बहुत से पहाड़ हैं, जिसकी वजह से लोग यहां पर आते हैं। और सुंदर नजारों का मजा लेते हैं। अब इस बांध की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए रोज गार्डन और बच्चों के लिए पार्क बनाया गया है।

-एजेंसी