केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं. इसी बीच केजरीवाल ने गुरुवार (1 जून) को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से उनके आवास पर चेन्नई में मुलाकात की. इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह, आप नेता राघव चड्ढा और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी भी मौजूद रहीं.
आप के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल अध्यादेश को लगातार संविधान के खिलाफ बता रहे हैं. उन्होंने बुधवार (31 मई) को ट्वीट करके बताया था कि केंद्र के असंवैधानिक-अलोकतांत्रिक ‘दिल्ली विरोधी’ अध्यादेश के खिलाफ डीएमके का सहयोग जुटाने के वास्ते एम के स्टालिन से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि वो शुक्रवार (दो जून) को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी रांची में मुलाकात करेंगे.
इससे पहले केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं. अध्यादेश को लेकर इन सभी नेताओं ने केजरीवाल का समर्थन करते हुए कहा कि हम राज्यसभा में इसके खिलाफ वोट करेंगे.
मामला क्या है?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अफसरों की पोस्टिंग और तबादले का अधिकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास है, इसके बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इसे पलट दिया और दलील दी कि दिल्ली देश की राजधानी है तो ऐसे में ये बहुत जरूरी है.
क्यों मिल रहे हैं?
अरविंद केजरीवाल को उम्मीद है कि विपक्षी दलों के समर्थन से अध्यादेश राज्यसभा में पास नहीं होगा. केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांग चुके हैं.
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.