सायबर सुरक्षा के लिहाज से सोशल मीडिया पर कौन-सी प्रोफाइल असली हैं और कौन-सी नहीं, यह जानकारी आवश्यक बन जाती है क्योंकि ठग फेक आईडी बनाकर लोगों से जुड़ते हैं, उनकी गतिविधियों पर नज़र रखकर अपना शिकार बनाते हैं।
क्या करते हैं ठग?
पहले ठग फेक प्रोफाइल से रिक्वेस्ट भेजते हैं, स्वीकार होने पर व्यक्ति की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए जानकानी चुराते हैं। मैसेज के ज़रिए ठगने की कोशिश कर सकते हैं। आईडी हैक कर सकते हैं या बैंक खाता ख़ाली कर सकते हैं।
ऐसे पहचानें
फेक अकाउंट में तस्वीर किसी अन्य व्यक्ति की होती है, लेकिन व्यक्ति की जानकारी नहीं होती। कुछ मामलों में जानकारी और विवरण किसी और का हो सकता है।
ये बड़ी संख्या में फॉलो करेंगे, लेकिन इनके फॉलोअर्स कम या शून्य होंगे। पोस्ट भी शून्य रहेगी। ऐसा भी हो सकता है कि प्रोफाइल पिक्चर भी न हो।
गूगल इमेज सर्च टूल से प्रोफाइल पर लगी तस्वीर को स्कैन करें। अगर प्रोफाइल फोटो नक़ली होगी तो इसके ज़रिए पता चल जाएगा कि तस्वीर कहां से ली गई है।
मैसेज पर बातचीत के दौरान व्यक्ति लालच दे सकता है, जैसे क्या आप घर बैठे पैसे कमाना चाहते हैं? वह कोई लिंक भी भेज सकता है। ऐसे में सावधान हो जाएं।
बातचीत के दौरान व्यक्ति कुछ असामान्य बातें कर सकता है, जैसे कि आप मुझे बहुत पसंद हैं, क्या आप मुझसे कल मिल सकते/सकती हो? वो किसी अन्य व्यक्ति की तस्वीर भेजकर भी आपको अपनी तस्वीर भेजने का आग्रह कर सकता है।
बचाव ज़रूरी है
ऐसी फेक प्रोफाइल को फ्रेंड और फॉलोअर्स की सूची से हटा दें।
सूची से हटाने के बाद प्रोफाइल की रिपोर्ट करके ब्लॉक कर दें।
बात करते वक़्त कोई भी जानकारी साझा न करें।
– एजेंसी