यमुना में क्रूज पर्यटन बढ़ायेगा और करेगा नदी को पुनर्जीवित, आगरावासियों ने किया स्वागत

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अंततः आगरा के लिए एक अच्छी खबर आ ही गई। आगरा में पर्यटकों के लिए क्रूज सेवा के रूप में नए अध्याय का आगाज़ होने जा रहा है। यह पहल स्थानीय लोगों को तो सशक्त बनाएगा ही, यमुना को भी पुनर्जीवित करेगा।

आखिरकार आगरा और यमुना नदी के लिए एक अच्छी खबर सामने आ गई है। आगरा आने वाले पर्यटकों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित फेरी या क्रूज सेवा का सपना जल्द ही सच हो सकता है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा समर्थित और स्थानीय नदी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रचारित इस प्रस्ताव से आगरा के पर्यटन परिदृश्य में क्रांति आ सकती है। साथ ही आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ भी मिल सकते हैं। खबरों के मुताबिक स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की पहल रंग दिखला रही है।

इस खबर का स्वागत करते हुए रिवर कनेक्ट अभियान के डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा, “वर्तमान में आगरा का पर्यटन मुगलकालीन स्मारकों तक सीमित है, जहां ताजमहल हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। लेकिन ज्यादातर पर्यटक यहां केवल एक दिन के लिए आते हैं और दिल्ली या जयपुर लौट जाते हैं। यमुना नदी पर क्रूज सेवा इस स्थिति को बदल सकती है, जो विरासत पर्यटन के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता का अनूठा अनुभव प्रदान करेगी।”

क्रूज सेवा से पर्यटकों को नदी से ताजमहल को देखने का मौका मिलेगा, जहां पानी में इसका अक्श दिखाई देगा – यह दृश्य बहुत कम पर्यटकों ने देखा है। यह नया नजारिया एक बड़ा आकर्षण बन सकता है, जो फोटोग्राफी के अवसरों को बढ़ाएगा और यादगार अनुभव प्रदान करेगा। साथ ही, मेहताब बाग और एत्मादुद्दौला के मकबरे जैसे नदी किनारे स्थित स्मारकों को भी अधिक प्रसिद्धि मिलेगी, जिससे पर्यटकों का दबाव कम होगा, यमुना भक्त राजीव गुप्ता ने कहा।

जैव विविधता विशेषज्ञ डॉ. मुकुल पांड्या ने कहा, “दर्शनीय स्थलों के अलावा, क्रूज में सांस्कृतिक कार्यक्रम, मुगलई व्यंजनों के साथ फाइन डाइनिंग और आगरा के इतिहास पर आधारित गाइडेड कहानी सुनाने के सत्र शामिल किए जा सकते हैं। ऐसे प्रस्तावों से पर्यटकों के ठहरने की अवधि बढ़ेगी, जिससे होटल, रेस्तरां और स्थानीय कारीगरों को फायदा होगा। सीजनल थीम जैसे सूर्योदय क्रूज या शाम के लाइट-एंड-साउंड शो भी विशेष पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं।”

पर्यटन उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि ताजमहल पर अत्यधिक पर्यटन का दबाव है, जिससे भीड़भाड़ और संरचना को नुकसान हो रहा है। नदी आधारित पर्यटन मॉडल से कुछ पर्यटकों को वैकल्पिक अनुभवों की ओर मोड़ा जा सकता है, जिससे ताजमहल पर दबाव कम होगा, लेकिन पर्यटक आगरा की विरासत से जुड़े रहेंगे।

स्थानीय होटल व्यवसायियों का मानना है कि एक सुनियोजित क्रूज सेवा आगरा की अर्थव्यवस्था को पर्यटन स्थलों से आगे बढ़ाकर रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर पैदा कर सकती है। नाव चालकों, गाइड्स, ऑनबोर्ड शेफ और रखरखाव कर्मचारियों से लेकर स्मृति चिन्ह विक्रेताओं, स्थानीय परिवहन और नदी किनारे कैफे तक – क्रूज सेवा से सीधे रोजगार सृजित होंगे। छोटे व्यवसायों को भी लाभ होगा।

आगरा अपनी संगमरमर की नक्काशी, चमड़े के सामान और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। ऑनबोर्ड रिटेल स्पेस या नदी किनारे बाजार कारीगरों को बिक्री का एक नया मंच प्रदान कर सकते हैं, जिससे पारंपरिक कलाएं संरक्षित रहेंगी और उनकी आय बढ़ेगी।

यह परियोजना घाटों की सफाई, पैदल मार्ग और नदी किनारे इको-फ्रेंडली, खाने के अड्डे, ईटरियों जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार ला सकती है। इससे न केवल पर्यटकों का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी नदी किनारे का इलाका अधिक सुलभ होगा।

हालांकि, यमुना नदी की वर्तमान स्थिति इस परियोजना के लिए एक बड़ी चुनौती है। नदी गंभीर प्रदूषण, कम जल स्तर और पारिस्थितिक क्षति से जूझ रही है। लेकिन नदी कार्यकर्ता पद्मिनी अय्यर का कहना है कि अगर जिम्मेदारी से क्रियान्वित किया जाए, तो यह क्रूज परियोजना नदी के पुनरुद्धार का कारक बन सकती है।

स्थानीय पर्यावरणविदों का कहना है कि औद्योगिक कचरा, सीवेज डिस्चार्ज और प्लास्टिक कचरे ने यमुना को भारत की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक बना दिया है। चतुर्भुज तिवारी ने कहा, “क्रूज सेवा शुरू करने से पहले बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाने होंगे, जैसे कि वेस्टवाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना और औद्योगिक प्रदूषण पर सख्त कार्रवाई करना।” उन्होंने आगे कहा कि ऊपरी हिस्सों में बांध और अत्यधिक जल दोहन के कारण गर्मियों में यमुना का जल स्तर काफी कम हो जाता है। इसके लिए ड्रेजिंग और नियंत्रित जल छोड़ने की आवश्यकता हो सकती है।

अगर सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह क्रूज परियोजना यमुना की दुर्दशा के प्रति जागरूकता फैला सकती है और दीर्घकालिक संरक्षण के लिए सार्वजनिक और सरकारी समर्थन जुटा सकती है।

रिवर कनेक्ट अभियान के सदस्य, जो लंबे समय से नदी को जीवित रखने के लिए निरंतर स्वच्छ जल प्रवाह और सफाई की मांग कर रहे हैं, का कहना है कि आगरा में वर्तमान में नदी परिवहन के लिए डॉकिंग सुविधाएं, बोर्डिंग पॉइंट और सुरक्षा बुनियादी ढांचे का अभाव है। इन्हें विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय और भारी निवेश की आवश्यकता होगी।

एक और चिंता का विषय यह है कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाइफ जैकेट, आपातकालीन प्रोटोकॉल और प्रशिक्षित कर्मचारियों की व्यवस्था करनी होगी।

आगरा में यमुना नदी क्रूज पर्यटन को नया आयाम देने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और नदी के पुनरुद्धार का एक साहसिक अवसर प्रस्तुत करता है। हालांकि प्रदूषण और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी चुनौतियां डराने वाली हैं।

अगर सही तरीके से कार्यान्वित किया जाए, तो आगरा की यह क्रूज सेवा केवल एक पर्यटक आकर्षण ही नहीं, बल्कि एक ऐसा मॉडल बन सकती है जो विरासत शहरों को नवाचार करते हुए अपने प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का रास्ता दिखाएगी।

बृज खंडेलवाल