सत्य के खिलाफ हज़ार साज़िशें रच लो, कुछ नहीं होता… वो सूर्य की तरह बाहर आता है: अमित शाह

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अमित शाह से सवाल पूछा गया था कि जैसे हिंडनबर्ग रिपोर्ट, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री सामने आई हैं, क्या किसी तरह की कोई साज़िश है?

शाह ने कहा- ”सत्य के खिलाफ चाहे एक हज़ार साज़िशें रच लो, कुछ नहीं होता. वो सूर्य की भांति तेजस्वी बनकर ही बाहर आता है. ये तो मोदी जी के पीछे 2002 से कर रहे हैं. हर बार मोदी जी मज़बूत होकर, सच्चे बनकर और जनता की ज़्यादा लोकप्रियता हासिल करके बाहर आए हैं.”

अमित शाह ने केंद्रीय एजेंसियों के ग़लत इस्तेमाल के आरोपों पर कहा, ”विपक्ष अदालत क्यों नहीं जाता? जब पेगासस मामला सामने आया था तो मैंने कहा था कि अदालत जाइए, लेकिन ये लोग नहीं गए. ये लोग सिर्फ़ शोर मचाना जानते हैं. कोर्ट तो हमारे क़ब्ज़े में नहीं है.”

गौतम अदानी से बीजेपी की क़रीबियों के आरोपों पर अमित शाह ने कहा, ”अभी सुप्रीम कोर्ट ने जिस एक केस का संज्ञान लिया हो, उस मामले में मेरा बोलना ठीक नहीं होगा लेकिन इसमें बीजेपी के पास कुछ छिपाने को नहीं है और ना किसी बात से डरने की ज़रूरत है.”

अगले साल 2024 में आम चुनाव होने हैं.
इस पर अमित शाह ने कहा, ”2024 में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. देश एक तरफ़ा मोदी जी के साथ आगे बढ़ रहा है. देश की जनता तय करेगी कि कौन मुख्य विपक्ष होगा.”

हाल की में मुग़ल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया गया था. बीते सालों में मुगल शासकों को लेकर बीजेपी नेताओं की तरफ़ से बयान आते रहे हैं.

शहरों के नाम बदलने, मुग़लों के योगदान हटाए जाने से जुड़े सवाल पर भी अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
शाह ने कहा- ”मुगलों का योगदान ना हटाना चाहिए, न हम हटाना चाहते हैं. पर अगर कोई इस देश की परंपरा को स्थापित करना चाहता है तो इसमें किसी की आपत्ति नहीं होनी चाहिए.”

अमित शाह ने इंटरव्यू में और क्या कुछ कहा?

पीएफ़आई ने देशभर में अपना काम फैलाना शुरू कर दिया था. एजेंसियों की तरफ़ से भी कहा गया था इसलिए हमने पीएफ़आई पर प्रतिबंध लगाया.
अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो उसे गाजे बाजे के साथ मार्केट करना ही चाहिए. पीएम मोदी का काम देश और दुनिया के सामने गौरव के साथ रखा जाना चाहिए. ये पूरे भारत का गौरव है.

एक भी शहर ऐसा नहीं है जिसका पुराना नाम न हो और बदला है. इस पर बहुत सोच-समझकर हमारी सरकारों ने फ़ैसले लिए हैं और हर सरकार का ये विधायी अधिकार है.

बिहार और झारखंड में नक्सलवादी उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है. मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में भी कुछ ही समय में शांति बहाल करने में हम सफल होंगे.
जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद से संबंधित सभी तरह के आंकड़े सबसे अच्छी स्थिति में हैं. पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्व और भारत के बाक़ी के हिस्सों के बीच जो मन की दूरी थी उसे समाप्त कर दिया है.

आज उत्तर-पूर्व के लोगों को मन से लगता है कि बाक़ी हिस्सों में हमारा सम्मान है. बाक़ी राज्यों से लोग उत्तर-पूर्व जाते हैं तो वे उनका भी सम्मान करते हैं.

Compiled: up18 News