इमरान खान को कोर्ट से फिर झटका, गैर-जमानती वारंट रद्द करने से इंकार

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बुखारी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है। इमाम की दलील थी कि अगर इमरान खान पेश होने को तैयार हैं, तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती। इस पर जज ने कहा कि पीटीआई प्रमुख वारंट के निलंबन के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते थे। हालांकि, इमाम ने कहा कि वे चाहते हैं कि सत्र अदालत वारंट को निलंबित करे। बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख लाहौर में अपने जमान पार्क आवास पर थे। वे अदालत में पेश होने का तरीका जानना चाहते हैं।

इमाम ने कहा कि चुनाव अधिनियम 2017 के तहत पीटीआई प्रमुख के खिलाफ एक निजी शिकायत दर्ज की गई थी। उन्होंने तर्क दिया कि आमतौर पर गिरफ्तारी वारंट एक निजी शिकायत पर जारी नहीं किया जाता है। ऐसे में वारंट को निलंबित किया जाए। इस पर न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि पीटीआई प्रमुख के वकील ने उन्हें सूचित किया था कि उनका मुवक्किल अदालत में पेश नहीं होगा। इसके बाद जज ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

28 फरवरी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने तोशखाना मामले में लगातार अदालत में पेश नहीं होने पर पूर्व प्रधानमंत्री का गैर जमानती वारंट जारी किया था। अदालत के आदेश के अनुसार रविवार को इस्लामाबाद पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तारी वारंट पर कार्रवाई करने के लिए एक पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जमान पार्क पहुंची। हालांकि, इमरान की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पीटीआई प्रमुख ने लाहौर उच्च न्यायालय का भी दरवाजा भी खटखटाया है।

Compiled: up18 News