भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ताजा जानकारी के अनुसार, 2 जून सुबह 8 बजे तक देश में सक्रिय कोरोना मामले 3961 तक पहुंच गए हैं। इस साल कोविड-19 संक्रमण के कारण अब तक कुल 32 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें रविवार से चार मौतें हुई हैं।
भारत में कोरना के आज 3961 मामले मिले
पिछले दिन, यानी 1 जून को सक्रिय मामलों की संख्या 3783 थी, जो आज 3961 तक बढ़ गई है। यानी एक दिन में 178 नए मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि पिछली लहर की तुलना में इस बार मरीज तो कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक हो रहा है और मौतें कम हो रही हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रविवार से सक्रिय मामलों की संख्या में 203 नए मामले जुड़े हैं। दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल में रविवार से एक-एक COVID-19 मौत की सूचना मिली है। दिल्ली में 47 और COVID-19 मामले सामने आए, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में कुल सक्रिय मामले बढ़कर 483 हो गए। केरल में, रविवार से 35 नए मामले सामने आने के साथ, सक्रिय COVID-19 मामले बढ़कर 1,435 हो गए। महाराष्ट्र में कोविड-19 के 21 नए मामले सामने आए, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या 506 हो गई। पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के 44 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में सक्रिय मामले बढ़कर 331 हो गए।
शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने आश्वासन दिया कि केंद्र किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। जाधव ने कि हमारा केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय पूरी तरह सतर्क है और सभी राज्यों में स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। हमने संबंधित स्वास्थ्य और आयुष सचिवों के साथ-साथ अन्य संबंधित मंत्रियों से बात की है। उन्होंने कहा कि पिछली कोविड-19 लहरों के दौरान विकसित किए गए बुनियादी ढांचे की समीक्षा की गई है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी चल रही है।
उन्होंने कहा,कि हमने पिछली कोविड लहरों के दौरान बनाए गए बुनियादी ढांचे, जैसे ऑक्सीजन प्लांट और आईसीयू बेड की समीक्षा की है और पहले ही तैयारी शुरू कर दी है। हमारी स्वास्थ्य प्रणालियां अच्छी तरह से सुसज्जित हैं और कोविड के जवाब में आने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
इस बीच, राज्य में मौजूदा कोविड-19 स्थिति को देखते हुए, कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने एक परिपत्र जारी कर सरकारी और निजी स्कूलों को स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य के हित में सावधानी बरतने को कहा है। निर्देश इस प्रकार हैं: यदि स्कूली बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें स्कूल न भेजें। डॉक्टर द्वारा बताए गए उचित उपचार और देखभाल के उपायों का पालन करें।
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