कांग्रेस ने अपने नेता सैम पित्रोदा के बयान से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने साफ कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है। इसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
लोकसभा चुनावों के बीच कांग्रेस के वेल्थ सर्वे, पीएम मोदी के लोगों की संपत्ति छीनने के बयान को लेकर राजनीतिक गरमाई हुई है। इसी बीच ओवरसीज कांग्रेस के चैयरमैन सैम पित्रोदा ने विरासत कर को लेकर अपनी राय रखी दी। सैम पित्रोदा ने संपत्ति के फिर से बंटवारे पर पार्टी के रुख का समर्थन किया। पित्रोदा ने देश में विरासत कर कानून की वकालत की है। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया है।
सैम पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर की अवधारणा पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह एक दिलचस्प कानून है, यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी होगी, पूरी नहीं, आधी। पित्रोदा ने कहा कि यह मेरे लिए उचित लगता है।
उन्होंने कहा कि भारत में, आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। ओवरसीज कांग्रेस चैयरमैन ने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को बहस और चर्चा करनी होगी।
उन्होंने कहा कि जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात कर रहे हैं, हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में।
धन का वितरण नीतिगत मुद्दा
पित्रोदा ने यह भी कहा कि धन वितरण का विषय पूरी तरह से एक ‘नीतिगत मुद्दा’ है। कांग्रेस के घोषणापत्र पर पीएम मोदी की टिप्पणी को लेकर वह चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास न्यूनतम वेतन नहीं है (भारत में)। अगर हम देश में न्यूनतम वेतन के बारे में कहते हैं कि आपको गरीबों को इतना पैसा देना होगा, तो यह धन का वितरण है। वे अपने चपरासियों, नौकरों और घरेलू नौकरों को पर्याप्त वेतन नहीं देते हैं, लेकिन वे उस पैसे को दुबई और लंदन में छुट्टियों पर खर्च करते हैं। पित्रोदा ने कहा कि जब आप धन के वितरण के बारे में बात करते हैं, तो ऐसा नहीं है कि आप कुर्सी पर बैठते हैं और कहते हैं कि मेरे पास इतना पैसा है और मैं इसे हर किसी को बांट दूंगा।
पीएम की मंगलसूत्र छीनने वाली टिप्पणी
जब उनसे कांग्रेस के घोषणापत्र की प्रधानमंत्री की आलोचना पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, “ऐसा सोचना नादानी है। किसी देश के प्रधानमंत्री ऐसा सोचते हैं…मुझे उनके दिमाग को लेकर कुछ चिंताएं हैं। पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा था कि इस चुनावी दस्तावेज में तुष्टिकरण की बू आती है।
राजस्थान में कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को कहा था कि पार्टी एक सर्वेक्षण कराएगी और वे महिलाओं के मंगलसूत्र भी छीन लेंगे। इस मुद्दे पर बीजेपी उम्मीदवार नवनीत राणा ने भी कांग्रेस और राहुल गांधी की आलोचना की है।
-एजेंसी