सशस्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर विरोध पत्र को लेकर कांग्रेस पार्टी को सोमवार को बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब पार्टी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने इस लेटर पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया. यह लेटर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा जाना था. गौरतलब है कि मनीष तिवारी इससे पहले भी अग्निपथ योजना की तारीफ करते हुए इसे भविष्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया कदम बता चुके हैं.
सूत्रों के मुताबिक इस ज्ञापन पर जिन छह सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं उनमें प्रोफेसर सौगत रॉय, सुदीप बंद्योपाध्याय, सुप्रिया सुले, शक्तिसिंह गोहिल, एडी सिंह, रजनी पाटिल शामिल हैं. वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विपक्ष के ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
सूत्रों के मुताबिक अग्निपथ योजना पर उठाई गई चिंता के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया से नाखुश विपक्षी दलों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक ज्ञापन सौंपकर योजना को वापस लेने की मांग की है.
मनीष तिवारी ने पिछले माह कहा था कि “बीते एक दशक में युद्ध की प्रकृति में जो बदलाव आया है, वह बहुत महत्वपूर्ण और मौलिक है. यदि आप तीन दशक पीछे के सशस्त्र बलों को देखते हैं तो अब हमेशा तैयार अभियान बल है जो टेक्नोलॉजी और आधुनिक हथियारों पर अधिक निर्भर है और इसमें ज्यादातर लोग कम उम्र के हैं. ऐसी स्थिति में इस तरह के सुधार की बेहद जरूरत है.”
उन्होंने कहा था कि “आप इसे पसंद करें या न करें, वन रैंक-वन पेंशन योजना के कारण, बढ़ता पेंशन ‘बोझ’ मुझे लगता है कि सरकार की गणना से आगे निकल गया होगा “
-एजेंसियां
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