लगातार दूसरे दिन CBI के सामने पेश हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम

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कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष भी पेश हुए। कार्ति वर्ष 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी कराने के मामले में रिश्वत लेने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। यह मामला तब का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।

सीबीआई ने कार्ति और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि यह मामला 263 चीनी कर्मियों को दोबारा वीजा जारी करने के लिए वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा कार्ति चिदंबरम और उनके करीबी एस भास्कर रमन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोपों से संबंधित है।

भास्कर रमन की हो चुकी है गिरफ्तारी

दरअसल, टीएसपीएल पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी और ये 263 चीनी नागरिक उस परियोजना का हिस्सा थे। एजेंसी ने इस मामले में भास्कर रमन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।

प्राथमिकी के मुताबिक बिजली संयंत्र स्थापित करने का काम चीनी कंपनी कर रही थी और यह परियोजना तय अवधि से काफी पीछे चल रही थी। इसमें कहा गया है कि टीएसपीएल के एक अधिकारी ने चीनी कर्मचारियों के लिए दोबारा वीजा जारी करने के एवज में कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। हालांकि, कार्ति चिदंबरम ने सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने मामले को फर्जी और राजनीति प्रतिशोध का परिणाम करार दिया है।

लोकसभा अध्यक्ष से कार्ति ने की शिकायत

कार्ति चिदंबरम ने इस मामले को लेकर लोकसभा अध्यक्ष से की गई शिकायत में कहा है कि ‘मेरे खिलाफ बिल्कुल अवैध और असंवैधानिक कार्रवाई की गई है। सीबीआई ने जांच की आड़ में मेरे आवास पर छापेमारी की जो भारत सरकार के 11 साल पुराने फैसले को लेकर है और जिसका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘इस कथित छापेमारी में सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने सूचना-तकनीक मामलों की संसदीय समिति से जुड़े व्यक्तिगत नोट्स और पेपर्स जब्त कर लिए जो गुप्त और संवेदनशील प्रकृत्ति के हैं।’ कार्ति बतौर लोकसभा सांसद संसद की स्थायी समिति के सदस्य हैं।

-एजेंसियां


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