कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अपनी किताब में किया दावा, नरसिम्हा राव सांप्रदायिक थे… वो BJP के पहले PM थे, सिर्फ आडवाणी की सुनते रहे

Exclusive

किताब में और क्या-क्या लिखा है मणिशंकर अय्यर ने

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कुछ ऐसा कहा है जो पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है। जी हां, उन्होंने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव सांप्रदायिक थे। कांग्रेस नेता ने राव को बीजेपी का पहला प्रधानमंत्री भी बता दिया। अय्यर ने कहा कि राव ने कांग्रेस के सिद्धांतों पर बाबरी मस्जिद के सवाल का सामना नहीं किया था। वह बस आडवाणी जी का कहना सुनते रहे।

सैकड़ों साधु-संतों को बुलाकर राय-मशविरा करते रहे। जब सब कुछ हो चुका था, तब कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि पुराने जमाने में जब महाराजा को कुछ फैसला करना होता तो वे हिंदू संतों से पूछते थे। मैंने भी वही किया। लेकिन उस जमाने के संत महाराजा का कहना मानते थे, लेकिन इस जमाने के संत हमारी बात नहीं सुनते थे। अय्यर ने कहा कि उन्हीं के नेतृत्व में बाबरी मस्जिद को बर्बाद किया गया, सेक्युलरिज्म को बर्बाद किया गया और दरवाजा खोला गया कि ये मौजूदा सरकार देश पर राज करे।

मैं मनमौजी हूं…

अय्यर ने राजीव गांधी के साथ अपने संबंधों पर भी खुलकर बात की है। तारीफ करने के साथ ही राजीव की गलतियां भी गिनाईं। दरअसल, अय्यर ने अपनी आत्मकथा लिखी है जिसका हिंदी में नाम ‘एक मनमौजी का संस्मरण’ है।

मीडिया से बातचीत में अय्यर ने कहा कि जो मेरा चढ़ाव या उतराव हुआ उसकी वजह यह है कि मैं अलग सोच का आदमी हूं। मैं 82 साल का हो गया हूं। मुझे खुशी है कि अपनी मनमौजी सोच के हिसाब से जिंदगी जी है।

राजीव पीएम बनेंगे… सुनकर हैरान थे अय्यर

उन्होंने कहा कि राजीव जी का मेरे जीवन में खास स्थान है। मैंने एक अफसर के नाते प्रधानमंत्री कार्यालय में उनके समय काम किया। अय्यर ने लिखा है कि जब उन्हें पता चला कि राजीव गांधी को पीएम बनाया जाएगा तो वह हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि तब तक मैं उनके बारे में सिर्फ इतना जानता था कि वह इंडियन एयरलाइंस के पायलट हैं। मैंने सोचा कि एक पायलट इस महान देश को कैसे संभालेगा, फिर आगे जाकर मैंने देखा कि उन्होंने अच्छे तरीके से देश को संभाला।

दंगे पर राजीव ने मेरठ से बुलाई सेना और…

अय्यर ने यह भी लिखा है कि सिख विरोधी दंगे जब शुरू हुए तब इंदिरा जी के सबसे वरिष्ठ मंत्री नरसिम्हा राव जी गृह मंत्री थे और एक वरिष्ठ आईसीएस अफसर खुराना थे।

राजीव जी ने सोचा कि ये दोनों लोग मिलकर मामले का हल निकालेंगे। जब उन्होंने देखा इनके बस की बात नहीं है तो रात के 2 बजे उन जगहों पर गए जहां सिखों का कत्लेआम हुआ था। मेरठ से सेना बुलाकर उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाया। उसके 16 दिन बाद उन्होंने वो कहा था जो उनके बारे में कहा जाता है कि 31 अक्टूबर को ही पेड़ की बात की थी जिससे दंगे शुरू हुए। हकीकत ये है कि परिस्थिति को सामान्य बनाने के 16 दिन बाद उन्होंने कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। उसके जवाब में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि नहीं, जब धरती हिलती है तब पेड़ गिरता है।

हालांकि अय्यर ने आगे कहा कि राजीव ने 4-5 गलतियां की थीं। पहला, उन्होंने मौके पर माफी नहीं मांगी। दूसरा, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर उनके रिश्तेदार थे… उनको हटाया नहीं था। तीसरा, उन्होंने न्यायिक जांच का ऐलान फौरन नहीं किया। अय्यर ने कहा कि राजीव जी ईमानदार व्यक्ति थे और देशहित को पार्टी के हित से ऊपर रखते थे। आरके धवन के गलत मशविरे पर उन्होंने शिलान्यास कराया, जो उनके लिए सबसे बड़ी त्रासदी थी लेकिन ये गलती करने के बाद 1990 में उन्होंने एक अधिवेशन के बाद सद्भावना यात्रा निकाली थी।

Compiled: up18 News