‘वन नेशन-वन इलेक्‍शन’ की कमेटी में शामिल होने से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का इंकार

Politics

केंद्रीय गृह मंत्री और इस कमेटी के सदस्य अमित शाह के नाम लिखे गए एक पत्र में चौधरी ने लिखा, “मुझे अभी मीडिया और जारी हुए एक गज़ट नोटिफ़िकेशन के ज़रिए पता चला है कि मुझे लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए बनाई गई उच्चस्तरीय समिति का एक सदस्य नियुक्त किया गया है. मुझे उस समिति में काम करने से इंकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसका ‘टर्म आफ़ रेफ़रेंस’ उसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार किया गया है. मुझे आशंका है कि यह पूरी तरह से एक धोखा है.”

अधीर रंजन चौधरी ने अपने इंकार की एक वजह बताते हुए लिखा है- “इसके अलावा, मैंने पाया है कि राज्यसभा में विपक्ष के मौजूदा नेता को इससे बाहर रखा गया है. संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का यह जान बूझकर किया गया अपमान है. ऐसे हालात में मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.”

उन्होंने लिखा- “आम चुनाव से कुछ महीने पहले संवैधानिक तौर पर संदिग्ध, व्यावहारिक रूप से असंभव और साधन के लिहाज़ से कार्यान्वयन न होने वाले विचार को देश पर थोपने का अचानक प्रयास सरकार के गुप्त उद्देश्यों को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करता है.”

इससे पहले शनिवार को ही केंद्र सरकार ने कमेटी के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अधीर रंजन चौधरी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस समिति का सदस्य बनाने का एलान किया था.

अध्यक्ष को मिलाकर इस समिति में कुल 8 सदस्य बनाए गए थे.

इनमें 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष रहे एनके सिंह, कांग्रेस के पूर्व नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, संविधान के जानकार सुभाष काश्यप, जाने माने वकील हरीश साल्वे, पूर्व सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी को इस समिति का सदस्य बनाया गया था.

केंद्रीय क़ानून और न्याय मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल को इस समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर रखा गया है.

क़ानूनी मामले विभाग के सचिव नितेन चंद्रा को इस समिति का सचिव नियुक्त किया गया है.

Compiled: up18 News


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.