दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही शक्ति भोग के ल‍िए कंपन‍ियां लाईं रिजॉल्यूशन प्लान

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आईटीसी लिमिटेड के अलावा ‘शक्ति भोग’ को खरीदने में विद्या पॉलीमर और शांति जीडी इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड की भी रुचि है. सूत्रों के मुताबिक इन दो कंपनियों ने भी शक्ति भोग फूड्स के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है. आईटीसी लिमिटेड ने अपने रिजॉल्यूशन प्लान में सिर्फ ‘शक्ति भोग’ ब्रांड खरीदने की बात कही है. जबकि बाकी दोनों कंपनियों की योजना शक्ति भोग के कंप्लीट अधिग्रहण की है.

आम तौर पर दिवाला प्रक्रिया के तहत बेची जाने वाली किसी कंपनी के बैंकर्स हमेशा पूर्ण अधिग्रहण वाले रिजॉल्यूशन प्लान को पसंद करते हैं. हालांकि शक्ति भोग के अधिग्रहण को लेकर आईटीसी लिमिटेड के प्रवक्ता ने बाजार के अनुमानों का हवाला देकर कुछ भी कहने से मना कर दिया. जबकि दो अन्य कंपनियों ने भी कोई बयान नहीं दिया है.

शक्ति भोग फूड्स ने 7,000 करोड़ रुपये का बैंक लोन डिफॉल्ट किया है. इसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का लोन का ही करीब 4700 करोड़ रुपये का है. एसबीआई की ओर से ये लोन उसके अपने सहयोगी बैंक-स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर की ओर से जारी किए गए थे.

इसके अलावा कंपनी को लोन देने वालों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक भी शामिल हैं. दिवाला प्रक्रिया के तहत बैंकों के आग्रह पर एनसीएलटी किसी दूसरी कंपनी से दिवालिया कंपनी को खरीदने का प्लान मांगती है. इसमें कंपनी की संपत्ति भी नई कंपनी को मिल जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शक्ति भोग के मामले हालत ये हैं कि कंपनी के पास मुश्किल से कोई संपत्ति बची है, बचा है तो उसका ब्रांड नेम ही.

शक्ति भोग फूड्स के पूर्व चेयरमैन और एमडी केवल कृष्ण कुमार के खिलाफ बैंक लोन डिफॉल्ट को लेकर सीबीआई ओर ईडी की जांच भी चल रही है.

– एजेंसी


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