CM योगी का बड़ा बयान, कहा- बाबर के लोगों ने 500 साल पहले जो अयोध्या में किया, वही संभल में हुआ और बांग्लादेश में हो रहा है

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज गुरुवार को रामनगरी में चार दिवसीय रामायण मेले का उद्घाटन किया। इस मौके सीएम योगी ने संभल हिंसा और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बाबर के लोगों ने 500 साल पहले जो अयोध्या में किया, वही संभल में हुआ और बांग्लादेश में हो रहा है।

सीएम योगी आज अयोध्या के रामकथा पार्क में रामायण मेले का उद्घाटन करने पहुंचे हुए थे। इसी मौके पर सीएम ने कहा कि बाबर के समय के जो जीन्स हैं, वह आज भी मौजूद हैं जो जाति के नाम पर राजनीति करके सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुश्मन बगल के देश में किस प्रकार का कृत्य कर रहे हैं, याद रखना, किसी को अगर गलतफहमी हो। गलतफहमी में मत रहना। अगर कोई यह मानता है कि जो बांग्लादेश में हो रहा है तो यहां भी बांटने वाले तत्व उनके लिए ढाल बनकर खड़े हैं। पहले से खड़े हैं। समाज के सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न कर रहे हैं। सामाजिक एकता को तोड़कर करके, आपको बांटकर करके फिर आपको काटने का और कटवाने का पूरा इंतजाम भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ये बांटने वाले बहुत से लोग तो ऐसे हैं जिन्होंने दुनिया भर के तमाम देशों में प्रॊपर्टी खऱीद कर के रखी हुई है। यहां संकट आया तो वहां भाग जाएंगे और मरने वाले मरते रहेंगे। इसीलिए आप सबसे मैं यह कहने के लिए आया हूं कि हमने अगर प्रभु राम को अपना आराध्य माना है और उनके लिए समर्पण का भाव है तो यह तब तक अधूरा है जब तक हम उनके उच्च आदर्शों से प्रेरणा प्राप्त कर कर उनके जीवन को उसी के अनुरूप न ढाल लें।

श्रीराम लला के दर्शन और पूजन किया

रामायण मेले के उद्घाटन के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर पर पहुंचकर राम लला के दर्शन और पूजन भी किया। इसके बाद वे रामकथा पार्क में कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “डॉ. राम मनोहर लोहिया राजनीति में आदर्शों के प्रतीक माने जाते हैं… आज की राजनीति में सच्चा समाजवादी संपत्ति और संतान के मोह से मुक्त होता है। लेकिन, आज के समाजवादी परिवारवादी हो गए हैं। अपराधियों और गुंडों के संरक्षण के बिना उनकी हालत पानी के बिना तड़पती मछली जैसी हो जाती है… वे लोहिया के नाम पर राजनीति करते हैं लेकिन उनके एक आदर्श को भी अपना नहीं पाते।”