आगरा। आगरा के जिला अस्पताल में इस समय सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था को एक प्राइवेट कंपनी संभाल रही थी लेकिन यह प्राइवेट कंपनी अब अपने कर्मचारियों को पैसा नहीं दे पा रही है।
आगरा के जिला अस्पताल में इस समय सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था को एक प्राइवेट कंपनी संभाल रही थी लेकिन यह प्राइवेट कंपनी अब अपने कर्मचारियों को पैसा नहीं दे पा रही है। पिछले लगभग 4 महीनों से इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है जिसके चलते अब इन कर्मचारियों ने जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था का कार्यभार पूरी तरह से ठप कर दिया है। सफाई व्यस्था की स्थिति बिगड़ने से जिला अस्पताल में भी अफरा-तफरी का माहौल है। सीएमएस एके अग्रवाल और सरकारी कर्मचारियों से सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने में जुटे हुए हैं लेकिन व्यवस्था सुधर नहीं पा रही हैं।
जिला अस्पताल में सफाई व्यवस्था का कार्य ऑल सर्विस ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी देख रही है। इस कंपनी ने जिला अस्पताल में 20 कर्मचारी सफाई के लिए तैनात किए हैं लेकिन इन सफाई कर्मचारियों का कहना है कि पिछले लगभग 4 महीनों से उन्हें तनख्वाह नहीं मिली है जब तनख्वाह नहीं मिलेगी तो वह काम क्यों करें। इसके चलते आज विरोध प्रदर्शन करते हुए सफाई कार्य को पूरी तरह से ठप कर दिया गया है।
प्राइवेट कंपनी देती है प्रतीक कर्मचारियों को मात्र ₹6500:-
प्राइवेट कंपनी के सफाई कर्मचारियों का कहना है कि ऑल सर्विस ग्लोबल प्राइवेट कंपनी लिमिटेड उन्हें लगभग ₹6500 प्रति माह देती है लेकिन इतनी कम रकम भी अब उन्हें सैलरी के रूप में नहीं मिल पा रही है जिसके कारण उनका घर घर चलाना भी अब मुश्किल हो गया है सुबह 6:00 बजे से वह घर से निकलते हैं 7:00 बजे हॉस्पिटल पहुंचकर सफाई कार्य में जुट जाते हैं घर को छोड़ छाड़ कर पैसा कमाने के लिए आते हैं लेकिन प्राइवेट कंपनी के अधिकारियों को इनसे कोई गुरेज नहीं है इसीलिए तो उन्हें समय से सैलरी भी नहीं मिल पा रही है।
जिलाधिकारी से भी लगा चुके हैं गुहार:-
प्राइवेट कंपनी के सफाई कर्मचारियों का कहना है कि 2 दिन पहले जिला अधिकारी पीएन सिंह जिला अस्पताल आए थे इस दौरान उनका घेराव भी किया गया था और अपनी समस्या से अवगत भी कराया गया था उन्होंने भी समस्या समाधान का आश्वासन दिया और सीएमएस एके अग्रवाल को समस्या समाधान कराए जाने के निर्देश दिए थे लेकिन इसके बावजूद भी उनकी सैलरी से संबंधित किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है अब वह मजबूर हो गए हैं कि वह अपनी मांग के लिए पूरी तरह से कार्यभार ठप कर दें।
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