सिविल एन्‍क्‍लेव की धनौली शिफ्टिंग को लेकर सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने एयरपोर्ट डाइरेक्टर से की मुलाकात

विविध

आगरा। वायु यातायात के लिये व्यापक संभावनाएं विद्यमान हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा हवाई यात्री सिविल एयर टर्मिनल आगरा दीन दयाल एयरपोर्ट का उपयोग करने वाले होना अनुमानित है, किंतु यह तभी संभव है जब कि देश के किसी भी हवाई अड्डे के समान ही आगरा के एयरपोर्ट को जन पहुंचने लायक बनाया जाये।
वर्तमान में स्थिति यह है कि सिविल एन्‍कलेव आगरा प्रदेश का सबसे अधिक सुविधाओं वाला एयरपोर्ट होने के बावजूद जनपहुंच से बाहर है और एयरपोर्ट अथॉरिटी के लिये आय का माध्यम साबित नहीं हो पा रहा है। इसको शिफ्ट करने के लिए जमीन अधिग्रहित की जा चुकी ,उसकी बाउंड्री भी करवाई हुई है किन्तु सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और अनुमति के नाम पर सरकार खास कर उप्र सरकार कुछ भी नहीं कर पा रही है।

राज्‍य सरकार नहीं दे पा रही है दिशा

उप्र सरकार अब तक यह तक नहीं बता सकी है कि यह शिफ्टिंग प्रोजेक्ट है न कि एक नयी अवस्थापना संरचना। जैसा कि सर्वविदित है कि ताज ट्रेपेजियम जोन क्षेत्र में नये प्रोजेक्ट की स्वीकृति की प्रक्रिया अलग है,जबकि शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के बारे में अलग। उप्र सरकार का विधि विभाग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के समक्ष तथ्यपरक जानकारियां क्यों नहीं रख पा रहा है , अपने आप में विचारणीय प्रश्‍न है। आगरा के जनप्रतिनिधि क्यों शांत बैठे हैं, विधायिका और संसद में इस मामले को क्‍यों नहीं उठाते, आगरा का हर आम नागरिक जानना चाहता है।

जनप्रतिनिधियों की लाजवाब उदासीनता

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से जहां एयरपोर्ट का शिफ्टिंग प्रोजेक्ट ठंडे बस्‍ते में पहुंचने की प्रक्रिया में है, वहीं मौजूदा एयरपोर्ट टर्मिनल पर एयरपोर्ट अथॉरिटी और प्राइवेट एयरलाइंसों की सक्रियता से तमाम नये कदम उठाये गये है जिनके फलस्‍व्‍रूप एयर ट्रैफिक बढना जारी है, एयर कार्गो अप्रेशन शुरू हो चुका है।

प्रदूषण उत्‍सर्जन शून्‍यता

सिविल एन्‍कलेव आगरा के सबसे बडे सहभागी प्राईवेट ऑपरेटर ‘इंडिगो एयरलाइन्स’ ने अपनी पहल पर एयरलाइन्स के हवाई जहाजों का आवागमन शतप्रतिशत प्रदूषण मुक्‍त करने को किसी भी ‘पुश बैक’ आपरेशन के लिये डीजल / पेट्रोल से चलने वाले ट्रैक्टर (जो कि हवाई जहाज़ तक सीढ़ी ले जाने और जहाज़ से समान उतरने और चढ़ाने मे इस्तेमाल होते हैं) बिल्‍कुल बन्‍द कर दिये गए हैं और इनके स्‍थान पर ‘टग’ मंगवा लिये हैं।

टग ऑपरेशन को ट्रेनिंग

एयरपोर्ट के डायरेक्टर ए ए अंसारी ने बताया है कि दो टग आगरा आ गये हैं, इनका ऑपरेशन शुरू करने के लिए ऑपरेटर को ट्रेनिंग दी जा रही है। इनके ऑपरेशन और इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया एक दो दिन में पूरी हो जायेगी। इंडिगो के एयरपोर्ट मैनेजर भारद्वाज ने बताया कि यह टग, उत्तर प्रदेश के सिर्फ और सिर्फ आगरा एयरपोर्ट पर उपयोग के लिए लाये गए हैं।

एयर कार्गो

एयरपोर्ट डायरेक्टर ए ए अंसारी ने बताया कि आगरा एयरपोर्ट से एयर कार्गो आपरेशन शुरू हो चुका है, कई कार्गो भी जाने लगा है। अभी हाल में आगरा से चेन्नई चमड़ा गया है। यह बहुत अच्छा संकेत है और आशा है कि जल्दी ही कार्गो का आवागमन बढ़ जाएगा, जो कि फ्लाइट ऑपेरेटर्स के लिए फायदेमंद सिद्ध होगा। ऐसी भी संभावना हो सकती है कि  सिविल एंक्लेव शिफ्ट होने की स्थिति में अभी के सिविल एंक्लेव को कार्गो एरिया बनाया जा सकता है।

कृषि उड़ान योजना

भारत सरकार द्वारा शुरू हुई ” कृषि उड़ान”, अभी तक आगरा में प्रभावी नहीं हो पाई है। आगरा के किसान शायद इस के फ़ायदों से अब  तक अनभिज्ञ हैं। अगर इस सहूलियत को समझाया जाए तो आगरा कमीस्श्नरी के किसानों को लाभ हो सकता है, साथ ही आत्मनिर्भर  रोजगार के नए आयाम भी खुल सकते हैं। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा आशा करती है कि इस योजना का विस्तार कराने में आगरा के जनप्रतिनिधि आगे आएंगे, इस से किसानों की उन्नति और बाजार के मांग के अनुसार फसल उगाने की प्रेरणा मिलेगी।

हवाई यातायात में बढोत्‍तरी

आगरा से उड़ानों  का आवागमन काफी बढ़ गया है। चार्टर्ड उड़ान की भी संख्या बढ़ गयी है। अब सीधे विदेशों से उड़ान आने लगी है। जो एक साथ 200/250 यात्री ले कर आती हैं। अगले मार्च तक इनकी संख्या मे बढ़ोतरी होना जारी रहने की उम्‍मीद है। एयरपोर्ट अथॉरिटी इस के लिए ऑपरेटर से बात कर इंतजाम बेहतर बनाने को प्रयासरत हैं।  इसे आगरा के पर्यटन के लिए सकारात्मक संकेत माना जा सकता है।

यात्री कक्ष निर्माण

अर्जुन नगर गेट पर “यात्री कक्ष ” का निर्माण कार्य  शुरू हो चुका है। 4/5 करोड़ की लागत से बनने वाला यह निर्माण अस्थयाई होगा। यह बनने से यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए अर्जुन नगर गेट पर ईधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा।  साथ ही टैक्सी सुविधा सिविल एंक्लवे से अर्जुन नगर गेट तक भी उपलब्ध कराने पर कार्य चल रहा है। अगर एयरपोर्ट शिफ्टिंग को समयबद्ध प्रयास किये गये होते तो इस खर्च को करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

रीजनल फ्लाइटें

आगरा- भोपाल फ्लाइट को छोड़ अन्‍य सभी जगहों के लिय शुरू हुई उड़ान भरपूर यात्रियों के साथ आ-जा रही हैं। भोपाल की फ्लाइट के लिये पैसिंजर्स की कमी तथा रीजनल एयरकनैक्‍टिविटी की फ्लाइटों के लिये कम किराये की सुविधा न होना एक अन्‍य कारण है। वैसे आगरा की सबसे बडी जरूरत आगरा दिल्ली के बीच किसी भी फ्लाइट का अभी कोई विचार नहीं है, अगर मांग आएगी तो उचित कार्यवाही के लिए प्रेषित किया जाएगा। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा पूर्व की तरह डिमांड को जस्‍टिफाइड करने को डाटा एकत्रित करने का प्रयास करेगी।

एयरपोर्ट डायरेक्टर ने बताया कि शीघ्र ही अभी के सिविल एंक्‍लेव के बाहर यात्रियों का स्वागत ” आइ लव आगरा” का डिस्प्ले लगा कर किया जाएगा।

एयरपोर्ट शिफ्टिंग है लक्ष्य

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा का मुख्य धेय सिविल एंकलेव का धनौली शिफ्ट होना है। अस्थायी इंतेज़ाम अभी के लिए तो सोल्यूशंस हो सकते हैं, पर शहर के चौमुखी विकास के लिए सिविल एंकलावे धानौली में बनना जरूरी है। शायद एयरपोर्ट अथॉरिटी भी ऐसा ही मानती है, इसलिए अर्जुन नगर गेट पर होने वाला निर्माण सिर्फ यात्रियों की  मूलभूत सुविधा के लिये ही बनाया जा रहा है।

-up18news


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