आगरा। भारत की सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक — भाखड़ा बांध परियोजना (बीडीपी) — की सुरक्षा अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जिम्मे होगी। बांध की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
सीआईएसएफ यूनिट आगरा एयरपोर्ट के असिस्टेंट कमांडेंट श्री एम. जोहांसन सिंह और इंस्पेक्टर ऑपरेशन इंचार्ज श्री संजय कुमार ने जानकारी दी कि सीआईएसएफ यूनिट बीडीपी नंगल का आधिकारिक अधिष्ठापन समारोह 22 अक्टूबर 2025 को भाखड़ा बांध परियोजना परिसर में आयोजित किया गया। यह समारोह सीआईएसएफ की तैनाती की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक बना।
इस अवसर पर महानिरीक्षक श्री नवज्योति गोगोई (उत्तरी खंड), उप महानिरीक्षक श्री एम.के. यादव (उत्तरी क्षेत्र-II), बीबीएमबी अध्यक्ष श्री मनोज त्रिपाठी और सीआईएसएफ यूनिट बीडीपी नंगल के कमांडेंट श्री प्रतीक रघुवंशी उपस्थित रहे। समारोह में राज्य पुलिस से सीआईएसएफ को सुरक्षा की औपचारिक जिम्मेदारी हस्तांतरित की गई।
भाखड़ा बांध हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सतलुज नदी पर बना कंक्रीट गुरुत्वाकर्षण बांध है, जिसकी ऊंचाई 226 मीटर और लंबाई 518 मीटर है। यह एशिया के सबसे ऊंचे बांधों में शामिल है। इस बांध से बना गोबिंद सागर जलाशय 168 वर्ग किलोमीटर में फैला है और 9.34 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहीत करता है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा जलाशय है।
बांध की सुरक्षा अब तक संबंधित राज्यों की पुलिस के अधीन थी, जिसकी निगरानी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) करता था। लेकिन बढ़ते तोड़फोड़ और आतंकी खतरों को देखते हुए, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मई 2025 में 296 सशस्त्र कर्मियों वाली एक समर्पित सीआईएसएफ इकाई की तैनाती को मंजूरी दी थी।
यह तैनाती बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के तहत की गई है, जो प्रमुख राष्ट्रीय बांधों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करता है। सीआईएसएफ की टीम अब बांध की दीवारों, जल द्वारों, बिजलीघरों और प्रवेश बिंदुओं की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी। वहीं राज्य पुलिस बलों को सहायक भूमिकाओं में रखा गया है।
सीआईएसएफ की यह तैनाती न केवल बांध की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगी, बल्कि उत्तर भारत की जल और ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली को भी सुरक्षित बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

