सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक हुआ पास, फिल्म इंडस्ट्री को पायरेसी से मिलेगी राहत

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कैबिनेट ने दी थी मंजूरी

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे लेकर जानकारी देते हुए बताया था कि पायरेसी भारत के अलावा दुनियाभर में कलाकारों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. अच्छा कंटेंट क्रिएट करने के लिए बहुत बड़ी टीम लगती है, दुर्भाग्य से कई बार पायरेसी के चलते उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता था. फिल्म इंडस्ट्री को इससे करोड़ों का नुकसान होता है. इसी को रोकने के लिए सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक लाया जा रहा है.

सुझावों के बाद फिर से लाया गया बिल

इससे पहले 2019 में इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था, लेकिन इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया. जिसके बाद तमाम तरह के सुझाव दिए गए. इस बिल से पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा फायदा पहुंचने की बात कही गई थी. अब आखिरकार इस बिल को उच्च सदन से भी पास कर दिया गया है. सिनेमैटोग्राफ विधेयक 1952 में संशोधन कर इस बिल को नया रूप दिया गया है. 20 जुलाई को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था.

इस कानून के बाद किसी भी तरह की पायरेसी पर सख्त सजा का प्रावधान होगा. कोई भी अगर किसी फिल्म को गैरकानूनी तरीके से शूट करता है और सार्वजनिक तौर पर उसे अपलोड करता है, या फिर किसी को दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा. बिना लाइसेंस फिल्मों को दिखाना भी मुश्किल होगा.

– एजेंसी


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