नई दिल्ली. फिल्मों की पायरेसी पर रोक लगाने के लिए लाया गया सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक राज्यसभा से भी पास हो गया है. इस बिल के जरिए फिल्मों की पायरेसी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. इसके तहत फिल्म पायरेसी करने वाले को 3 महीने से 3 साल की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा 3 लाख से लेकर फिल्म की लागत का 5% जुर्माने के तौर पर वसूला जा सकता है. इसी साल अप्रैल में कैबिनेट ने सिनेमैटोग्राफ एक्ट 2023 को मंजूरी दी थी. जिसके बाद इसे संसद में पेश किया गया.
कैबिनेट ने दी थी मंजूरी
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे लेकर जानकारी देते हुए बताया था कि पायरेसी भारत के अलावा दुनियाभर में कलाकारों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. अच्छा कंटेंट क्रिएट करने के लिए बहुत बड़ी टीम लगती है, दुर्भाग्य से कई बार पायरेसी के चलते उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता था. फिल्म इंडस्ट्री को इससे करोड़ों का नुकसान होता है. इसी को रोकने के लिए सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक लाया जा रहा है.
सुझावों के बाद फिर से लाया गया बिल
इससे पहले 2019 में इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था, लेकिन इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया. जिसके बाद तमाम तरह के सुझाव दिए गए. इस बिल से पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा फायदा पहुंचने की बात कही गई थी. अब आखिरकार इस बिल को उच्च सदन से भी पास कर दिया गया है. सिनेमैटोग्राफ विधेयक 1952 में संशोधन कर इस बिल को नया रूप दिया गया है. 20 जुलाई को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था.
इस कानून के बाद किसी भी तरह की पायरेसी पर सख्त सजा का प्रावधान होगा. कोई भी अगर किसी फिल्म को गैरकानूनी तरीके से शूट करता है और सार्वजनिक तौर पर उसे अपलोड करता है, या फिर किसी को दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा. बिना लाइसेंस फिल्मों को दिखाना भी मुश्किल होगा.
– एजेंसी
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