इन चीनी विमानों में दो 56 सीट वाले MA60 और 17 सीटों वाले Y12e विमान शामिल हैं। चीन के इन विमानों को चालू हालत में रखना नेपाली एयरलाइन के लिए बड़ा भारी पड़ रहा है। वह भी तब जब नेपाली एयरलाइंस कर्ज के तले दबी हुई है। नेपाली एयरलाइंस ने बताया कि इन विमानों को उड़ाने के लिए पायलट नहीं मिल रहे हैं और क्रैश होने की घटना के बाद अब एयरलाइन इनसे जल्द से जल्द मुक्ति चाहती है। ये चीनी विमान पिछले 3 साल से खड़े हैं और नेपाल एयरलाइंस के लिए मुसीबत बन गए हैं।
चीनी विमानों की कीमत कबाड़ के बराबर
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की सरकारी एयरलाइंस अब मात्र 22 करोड़ नेपाली रुपये में ही इन चीनी विमानों से मुक्ति चाहती है। इस दाम को एक स्वतंत्र संस्था ने तय किया है। यही नहीं इन विमानों के मूल्य की जांच के लिए भी नेपाली एयरलाइंस को 20 हजार डॉलर चुकाने पड़े हैं। एक अधिकारी ने कहा कि यह कबाड़ के बराबर कीमत है। इससे पहले नेपाल एयरलाइंस ने इन विमानों को लीज पर देने की कोशिश की थी लेकिन उसकी योजना सफल नहीं हो सकी है।
नेपाल एयरलाइंस का बोर्ड इतने महंगे प्लेन को इतने कम दाम में बेचने के लिए सहमत नहीं है। एक अधिकारी ने कहा, ‘हर कोई दुविधा में है। नेपाल एयरलाइंस का बोर्ड इतने कम कीमत में इन विमानों को बेचने पर सहमत नहीं है।’
वहीं नेपाल एयरलाइंस ने जोर देकर कहा है कि ये चीनी विमान उड़ने लायक नहीं हैं। उसने कहा है कि इन चीनी विमानों को बेचना ही अब एकमात्र विकल्प बचा हुआ है। इन विमानों को तभी बेचा जा सकता है जब नेपाल एयलाइंस का बोर्ड मंजूरी दे। इस तरह से अब नेपाल के लिए चीनी विमान जी का जंजाल बन गए हैं।
Compiled: up18 News