काफी दिलचस्प रहा चॉल के जग्गू दादा से जैकी श्रॉफ बनने का सफर

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जैकी दादा यानी जैकी श्रॉफ …..जिनकी कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है. 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके जैकी श्रॉफ के जन्मदिन पर आज आपको बताते है कि मुबई के एक चॉल में रहने वाला जग्गु दादा कैसे बॉलीवुड के जैकी श्रॉफ बन गए.

सफलता मिलने के बाद भी जैकी श्रॉफ अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों को नहीं भूले। तीन बत्ती की चॉल में अभी भी उनका वो एक कमरे का घर है, जहां अक्सर अपने पुराने दिनों को याद करने वो जाते रहते हैं।

एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद ही कहा था, ‘मुझे अभी भी सुकून की नींद चॉल के उसी कमरे में आती है।’

जैकी की जिंदगी खुद कम फिल्मी नहीं रही है। उनके पिता गुजराती थे, मां कजाकिस्तान की। पिता काकूभाई श्रॉफ एस्ट्रोलॉजर भी थे। जैकी की जिंदगी के 31 साल तीन बत्ती की चॉल में गुजरे। जब वे फिल्म हीरो के बाद स्टार बन चुके थे, तब कुछ साल चॉल में ही रहे। चॉल के जग्गू दादा से मॉडल और मॉडल से हीरो बनने का उनका सफर खासा दिलचस्प है।

जैकी कभी थिएटर के बाहर मूंगफली बेचते थे। कभी फिल्मों के पोस्टर चिपकाते थे। एक दिन बस स्टैंड पर एक आदमी ने इन्हें देखा और कहा मॉडलिंग करोगे क्या? जैकी ने सवाल के बदले सवाल पूछा- पैसे दोगे क्या? इन दो सवालों में हुई बातचीत ने चॉल के मामूली लड़के को बॉलीवुड का स्टार बना दिया।

– एजेंसी