क्रिकेट के कई नियमों में बदलाव, मांकडिंग विवाद पर भी लगा फुल स्टॉप

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मांकडिंग (Mankading Rule) की वजह से क्रिकेट में कई विवाद हुए हैं। इसे खेल भावना के खिलाफ माना जाता है। आईपीएल में रविचंद्रन अश्विन ने जोस बटलर को ऐसा आउट किया था। इस मामले पर क्रिकेट जगह दो भाग में बंट जाता था लेकिन अब इस पर फुल स्टॉप लग जाएगा। पुराने नियम के अनुसार मांकडिंग लॉ-41 (अनफेयर प्ले) के अधीन आता था। अब इसे लॉ-38 (रन-आउट) में मूव कर दिया गया है। इसे अनफेयर प्ले नहीं माना जाएगा, जिसकी वजह से इस पर होने वाला विवाद भी लगभग समाप्त हो जाएगा।

इसके साथ ही क्रिकेट के कई अन्य नियम में भी बदलाव हुए हैं। मैच में कई बार बल्लेबाज के कैच आउट होने के बाद असमंजस की स्थिति हो जाती है। अगली गेंद पर नया बल्लेबाज स्ट्राइक लेगा या नॉन स्ट्राकर पर खड़ा बल्लेबाज। इसे लेकर कई बार खेल भी रोकना पड़ता है। वर्तमान नियम के अनुसार अगर बल्लेबाज कैच लेने के समय एक-दूसरे को क्रॉस कर जाते हैं तो नया बल्लेबाज नॉ-स्ट्राइकर एंड पर आएगा। अगर वे क्रॉस नहीं करते हैं तो नया बल्लेबाज स्ट्राइक लेता है। कई बार स्थिति साफ नहीं होने पर मैदानी अंपायर थर्ड अंपायर की मदद लेते हैं।

मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब MCC ने क्रिकेट के नियमों में बदलाव किए हैं। इसमें एक बदलाव है कि अगर ओवर की शुरुआत 5 गेंद पर बल्लेबाज कैच आउट होता है तो नया बल्लेबाज स्ट्राइक लेगा। अब बल्लेबाज क्रॉस भी करता है तो भी नया बल्लेबाज ही स्ट्राइक लेगा। वहीं, अगर ओवर की अंतिम गेंद पर विकेट गिरता है तो दूसरे छोर का बल्लेबाज अगली ओवर की पहली गेंद पर स्ट्राइक लेगा। पिछले साल इंग्लैंड के नए टूर्नामेंट द हंड्रेड में यह नियम लागू हुआ था।

एमसीसी (MCC) के कानून प्रबंधक फ्रेजर स्टीवर्ट ने कहा, ‘क्रिकेट के नियमों के 2017 कोड के पब्लिकेशन के बाद से, खेल कई मायनों में बदल गया है। 2019 में प्रकाशित उस कोड का दूसरा संस्करण ज्यादातर स्पष्टीकरण और मामूली संशोधन था, लेकिन 2022 कोड कुछ बड़े बदलाव करता है, जिस तरह से हम क्रिकेट के बारे में बात करते हैं, जिस तरह से इसे खेला जाता है।

कोरोना के बाद क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए गए थे, जिसमें गेंद पर थूक लगाने को बैन करना भी शामिल था। अभी गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए सिर्फ पसीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। गेंद पर थूक नहीं लगाने का नियम अस्थाई रूप से लाया गया था। अब इसे स्थाई किया जाएगा। थूक का उपयोग उसी तरह का माना जाएगा जैसा गेंद की स्थिति को बदलने के किसी अन्य अनुचित तरीके को माना जाता है। एमसीसी की तरफ से बताया गया कि रिसर्च में पता चला है कि पसीना और थूक जैसा ही काम करता है।

डेड बॉल के नियम में भी बदलाव किया गया है। मैच के मैदान में किसी व्यक्ति, जानवर या अन्य वस्तु से किसी भी पक्ष को नुकसान होता है, तो यह डेड बॉल करार दी जाएगी। कई बार मैच के दौरान फैंस या कुत्ते मैदान में आ जाते हैं। इससे खेल पर असर पड़ता है तो अंपायर डेड बॉल का संकेत देंगे।

ये सभी नियम इस साल एक अक्टूबर से लागू होंगे। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया, ‘मूल रूप से यह आईसीसी और अन्य बोर्डों पर निर्भर करता है कि इन्हें अपनी प्रतियोगिताओं के लिए अपनाया जाता है या नहीं। ये कानून सभी क्रिकेट को कवर करते हैं- मनोरंजक खेल से ऊपर तक।’

-एजेंसियां


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